डीआर न्यूज इंदिया डॉट कॉम/भोपाल के रायसेन रोड स्थित पटेल कॉलोनी के कॉलोनाइजर के विरुद्ध एफआईआर होगी। पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री कृष्णा गौर की नाराजगी के बाद नगर निगम ने पिपलानी थाने में एफआईआर के लिए आवेदन दिया है। कॉलोनाइजर ने निगम के प्लॉट ही बेच दिए। दूसरी ओर, लोगों को सुविधाएं भी नहीं दीं।
2 जुलाई को मंत्री गौर ने मंत्रालय में बैठक ली थी। इसमें बताया गया था कि पटेल नगर कॉलोनी में स्कूल, खेल मैदान, पार्क आदि के लिए छोड़े गए भू-खंडों को नगर निगम के लिए सौंपने के स्थान पर कॉलोनाइजर ने बेच दिया। नगर निगम के स्वामित्व के इन भू-खंड को बेचने का अधिकार कॉलोनाइजर को नहीं है। कॉलोनाइजर द्वारा किया गया यह कृत्य आपराधिक है। इसके बाद मंत्री गौर ने नगर निगम के अधिकारियों को कॉलोनाइजर के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे।
थाने में आवेदन दिया
मंत्री गौर की नाराजगी के बाद सिटी प्लानर अनूप गोयल ने पिपलानी थाने में एफआईआर के लिए आवेदन दिया। इसमें बताया कि सेक्टर-बी, डी और ई में 1.25 एकड़ के हिसाब से कुल 3.75 एकड़ जमीन प्रायमरी स्कूल के लिए आरक्षित की गई थी। 16 जून 1962 में एसडीएम हुजूर के डायवर्सन के अनुसार, स्कूल, पार्क व खुले स्थानों की भूमि स्थानीय निकाय में समाहित होगी। इस प्रकार मेसर्स गंधर्व लैंड एवं फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड और निगम के बीच एग्रीमेंट भी हुआ था। जिसमें निगम के आधिपत्य में सदैव खुली भूमि, पार्क, स्कूल, दवाखाना, खेल मैदान, सड़क आदि का आधिपत्य और स्वामित्व निगम का रहेगा।
3 करोड़ 90 लाख में बेची जमीन
बावजूद कॉलोनाइजर अनुज ग्रोवर और संबंधित कंपनी ने ई ब्लॉक में अवैध रूप से निगम स्वामित्व की प्रायमरी स्कूल की 1.212 एकड़ जमीन जय प्रताप सिंह यादव एवं अभिषेक आनंद को 3 करोड़ 90 लाख रुपए में 27 नवंबर-24 को बेच दी, जो कानूनन सही नहीं है। इसलिए कॉलोनाइजर पर केस दर्ज किया जाए।
रजिस्ट्री शून्य होगी मंत्री गौर ने अफसरों से कॉलोनाइजर द्वारा विक्रय किए गए भू-खंड की रजिस्ट्री को शून्य कराने की प्रक्रिया भी शुरू करने को कहा है। साथ ही कॉलोनाइजर अन्य ओपन एरिया को विक्रय नहीं कर सके, इसकी व्यवस्था भी करने के निर्देश दिए हैं। पटेल नगर कॉलोनी 1960 के दशक में विकसित की गई थी। इसमें 700 से अधिक प्लाट हैं।