मंत्री प्रह्लाद पटेल बोले — अगर मनरेगा बंद हुआ तो इंजीनियरों का क्या होगा?

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रवीन्द्र भवन में मनरेगा अभियंता संघ के कार्यक्रम को संबोधित करते मंत्री प्रहलाद पटेल।

संघ के कार्यक्रम में कहा — सरकार के पास नहीं है किसी की ACR, इंजीनियरों को खुद करनी होगी तैयारी


Drnewsinsdia.com/ भोपाल

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा है कि अगर मनरेगा (MNREGA) योजना बंद हो जाती है, तो उसमें काम करने वाले इंजीनियरों और कर्मचारियों का भविष्य क्या होगा, इस पर गंभीरता से विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि हर मिशन की एक समय सीमा होती है, लेकिन यह सोचने की जरूरत है कि उसके बाद वहां काम करने वाले लोगों का क्या होगा।

मंत्री पटेल बुधवार को राजधानी भोपाल स्थित रवीन्द्र भवन में आयोजित मनरेगा अभियंता संघ के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।


“सरकार के पास किसी की ACR नहीं”

मंत्री पटेल ने कहा कि सरकार के सामने यह भी एक बड़ी दिक्कत है कि अगर किसी कर्मचारी से गलती होती है तो उसकी रिकवरी (वसूली) कैसे की जाए।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में सरकार के पास मनरेगा अभियंताओं की ACR या सेवा रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं।

उन्होंने संघ से अपील की कि वे अपने-अपने कार्यकाल का रिकॉर्ड एकत्र करें।

“जहां जितने साल नौकरी की है, उसका ACR कलेक्टर कार्यालय से लेकर लाएं, ताकि सरकार उस आधार पर निर्णय ले सके,” — मंत्री पटेल


“ग्रेच्युटी और सोशल सिक्योरिटी जरूरी”

मंत्री पटेल ने कहा कि सोशल सिक्योरिटी (Social Security) हर कर्मचारी का अधिकार है। उन्होंने बताया कि ग्रेच्युटी की व्यवस्था शुरू करने के लिए भारत सरकार को पत्र भेजा गया है।

“अगर कोई व्यक्ति दस या बीस साल तक सेवा करता है, तो उसे कुछ लाभ मिलना चाहिए। अभी तक किसी तरह का फंड नहीं कटता, इसलिए सामाजिक सुरक्षा की स्थिति नहीं है,” — मंत्री पटेल

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वे केंद्रीय मंत्री से व्यक्तिगत रूप से चर्चा कर समाधान निकालने का प्रयास करेंगे।


“कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर समाधान करेंगे”

मंत्री ने जीएडी (सामान्य प्रशासन विभाग) से जुड़े मनरेगा अभियंता संघ के मुद्दों पर कहा कि वे इसे कैबिनेट में प्रस्ताव के रूप में लाने और समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संघ द्वारा दिए गए तकनीकी कार्य कराने के प्रस्ताव को वे स्वीकार नहीं कर सकते।

“सामूहिक तौर पर काम करते हैं तो टास्क देना ही पड़ेगा। इस तरह की बातें लिखित रूप में स्वीकार नहीं की जा सकतीं,” — मंत्री पटेल

उन्होंने कहा कि सरकार और संघ के बीच संवाद का रास्ता कभी बंद नहीं होना चाहिए।


“गड़बड़ी पर सेवा समाप्त नहीं, निलंबन होगा”

मंत्री पटेल ने कहा कि अगर किसी संविदा इंजीनियर पर गड़बड़ी के आरोप मिलते हैं, तो उसकी सेवा समाप्त नहीं की जाएगी, बल्कि निलंबित कर आधा वेतन देते हुए मुख्यालय से अटैच किया जाएगा।

उन्होंने अपने प्रभार के जिले भिंड में अनियमितताओं का उल्लेख करते हुए कहा —

“भिंड में गड़बड़ी ज्यादा है। नर्मदापुरम में तो इतनी गड़बड़ी है कि जितनी आबादी है, उतने ही संबल कार्ड बने हैं। समग्र पोर्टल में भी व्यापक गड़बड़ी है। इतनी अंधेरगर्दी में व्यवस्थाएं कैसे चलेंगी?”


मनरेगा अभियंता संघ से नियमित बैठकें हों”

मंत्री पटेल ने बताया कि जैसे उन्होंने सरपंचों से हर छह महीने में बैठक करने के निर्देश दिए हैं, वैसे ही वे मनरेगा अभियंता संघ के साथ भी बैठकें करने को तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि इस पर संघ की राय मिलने पर सरकार सकारात्मक विचार करेगी।


मंत्री प्रह्लाद पटेल के इस बयान से स्पष्ट है कि सरकार मनरेगा के भविष्य, इंजीनियरों की स्थिति और सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर है।
उन्होंने संकेत दिया कि आने वाले समय में इस दिशा में नीतिगत फैसले और ठोस कदम उठाए जा सकते हैं।


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