मथुरा गमन, कंस वध व सुदामा चरित्र की कथा सुनाई

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अहमदपुर / ग्राम सातनवाड़ी के हनुमान मंदिर परिसर में भागवत कथा का बुधवार को समापन हुआ। कथा का आयोजन समस्त केवट समाज और ग्रामीणों द्वारा किया गया। आचार्य मनोहर लाल शास्त्री ने चार वेद, पुराण, गीता और श्रीमद्भागवत की व्याख्या की। सात दिनों तक भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन हुआ। कथा में वात्सल्य प्रेम, असीम प्रेम और श्रीकृष्ण द्वारा किए गए विभिन्न लीलाओं का वर्णन किया गया। समाज में व्याप्त अत्याचार, अनाचार, कटुता और व्यभिचार को दूर करने का संदेश दिया गया। युवाओं को सुंदर समाज निर्माण के लिए प्रेरित किया गया।

कथा के आखिरी दिन श्रीकृष्ण की रास लीला, मथुरा गमन, कंस वध, कुबजा उद्धार, रुक्मणी विवाह, शिशुपाल वध और सुदामा चरित्र की कथा सुनाई गई। सुदामा की गरीबी, उनकी भक्ति और श्रीकृष्ण से मिलने की कथा ने भक्तों को भावविभोर कर दिया। श्रीकृष्ण द्वारा सुदामा को गले लगाने और उनकी दशा देखकर दुखी होने का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावुक हो गए।

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