विदिशा / पुलिस लाइन क्वार्टर्स में मदर्स डे पर भावनात्मक और प्रेरणादायक कार्यक्रम हुआ। आयोजन प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय मुखर्जी नगर की ओर से किया गया। बड़ी संख्या में माताएं और बहनें शामिल हुईं। मुख्य वक्ता ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी ने कहा, मां इस धरती पर एकमात्र ऐसी शख्सियत है जो पूरा जीवन बच्चों को समर्पित कर देती है। बदले में कुछ नहीं चाहती। मां के प्रेम और देखभाल की तुलना किसी चीज से नहीं की जा सकती।
रेखा दीदी ने कहा, आज की पीढ़ी को समझना चाहिए कि मां सिर्फ जीवन देने वाली नहीं, जीवन को दिशा देने वाली भी होती है। कई बार देखा गया है कि बच्चे मां पुलिस लाइन क्वार्टर्स में मदर्स डे पर कार्यक्रम हुआ।
को उपेक्षित कर देते हैं। वृद्धाश्रम छोड़ आते हैं। जबकि मां हर परिस्थिति में बच्चों के साथ खड़ी रहती है।
रुक्मणी दीदी ने कहा, मातृत्व दुनिया का सबसे बड़ा जुआ है। यह अनंत आशावाद और शक्ति का प्रतीक है। मां परिवार की रीढ़ होती है। वह बिना थके, बिना रुके, मुस्कान के साथ जीवन को संभालती है। कार्यक्रम में संदेश दिया गया कि मां का सम्मान सिर्फ एक दिन का विषय नहीं है। हर दिन उनके प्रति सम्मान और प्रेम का भाव होना चाहिए। सभी ने संकल्प लिया कि वे अपनी मां और समस्त मातृशक्ति को सम्मान, प्रेम और सहाय देंगे।
मातृत्व दिवस पर मां की सेवा को बताया पहली सेवा
आयोजन जिला आनंद विभाग के सर्वोदय आनंद क्लब, शिक्षा विभागीय गौ सेवा पर्यावरण संरक्षण सेवा समिति और पर्यावरण संरक्षण जागरूक मंच के तत्वावधान में हुआ। कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर विजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा, मां जीवन की पहली शिक्षक होती है। उनके सिखाए पाठ जीवनभर साथ रहते हैं। मातृत्व का प्रेम सिर्फ मां से ही मिलता है। इसलिए परिवार में मां को पहला स्थान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, पर्यावरण बचाने के लिए पेड़ लगाना जरूरी है। लेकिन पेड़ लगाकर छोड़ना नहीं चाहिए। उन्हें पालना भी जरूरी है। एक वृक्ष लगाना सफलता की ओर कदम है। गौ सेवा, नर सेवा और नारायण सेवा से सामाजिक दायित्व पूरे होते हैं। इससे जीवन में आनंद आता है। देश के प्रति प्रेम भी बढ़ता है। मां की सेवा सबसे पहली सेवा होनी चाहिए। कार्यक्रम में अरविंद अवस्थी, उमेश ताम्रकार, मनोज माली, भूपेंद्र रघुवंशी, झलखन सिंह, संतोष जैन, संजीव शर्मा, नवल सिंह रघुवंशी, ब्रजेश बबेले, प्रकाश यादव सहित कई शिक्षक और समाजसेवी शामिल हुए।