मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार और संगठनात्मक बदलाव की सुगबुगाहट तेज़, भाजपा की रणनीति अंतिम चरण में

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निगम-मंडलों में राजनीतिक नियुक्ति के लिए दावेदारों ने बढ़ाई सक्रियता

drnewsindia.com/मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दिल्ली दौरे के बाद मंत्रिमंडल विस्तार और निगम-मंडलों में राजनीतिक नियुक्तियों की संभावनाएं तेज़ हो गई हैं। मुख्यमंत्री ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की, जिससे यह संकेत मिले हैं कि भाजपा नेतृत्व अब राज्य में संगठनात्मक और प्रशासनिक फेरबदल को अंतिम रूप देने की तैयारी में है।

मंत्रिमंडल विस्तार जल्द, कई दावेदार सक्रिय

प्रदेश में 31 मंत्री पहले से पदस्थ हैं, जबकि नियम अनुसार 35 मंत्री हो सकते हैं। ऐसे में 4 नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं। संभावित नामों में गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, जयंत मलैया, ब्रजेंद्र प्रताप सिंह और कांग्रेस से भाजपा में आए कमलेश शाह (अमरवाड़ा विधायक) प्रमुख हैं।

वहीं कुछ मंत्रियों की छुट्टी की संभावना भी जताई जा रही है। खराब प्रदर्शन के आधार पर संगठन द्वारा कुछ चेहरों को हटाने की सिफारिश की गई है।


निगम-मंडलों में नियुक्तियों को लेकर हलचल

प्रदेश के निगम, मंडल, प्राधिकरण और आयोगों में राजनीतिक नियुक्तियों की लंबे समय से प्रतीक्षा है। संभावित दावेदारों ने दिल्ली और भोपाल में संपर्क तेज कर दिया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, कुछ पूर्व विधायकों को भी निगम-मंडलों में समायोजित किया जा सकता है।


भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी में होगा बड़ा बदलाव

नए प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल अब नई कार्यकारिणी का गठन करने जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, अगस्त के पहले पखवाड़े में कार्यकारिणी की घोषणा की जा सकती है।

  • संगठन में “एक व्यक्ति, एक पद” की नीति लागू होगी।
  • सांसदों, मंत्रियों और विधायकों को संगठन पदों से हटाया जाएगा।
  • कार्यसमिति में युवा, महिला और सामाजिक दृष्टि से विविध चेहरों को प्राथमिकता दी जाएगी।

वर्तमान में सात सांसद, एक मंत्री और छह विधायक संगठन पदों पर हैं, जिन्हें अब हटाया जाएगा।


विधायकों की अनुशासनहीनता पर सख्ती

भाजपा नेतृत्व अब विधायकों के व्यवहार पर भी निगरानी रखने लगा है। हाल ही में:

  • सेवड़ा विधायक प्रदीप अग्रवाल के बेटे का हथियारों वाला वीडियो वायरल हुआ, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें चेतावनी दी।
  • पूर्व विधायक केपी त्रिपाठी को भी संगठन कार्यालय बुलाकर सार्वजनिक रूप से क्षमा मांगने को कहा गया।

त्रिपाठी ने वीडियो जारी कर स्वीकार किया कि थाने में महिला अधिकारी के खिलाफ की गई टिप्पणी अनुचित थी, और भविष्य में संयम बरतने का वादा किया।


संघ और नेतृत्व की पसंद को मिलेगी प्राथमिकता

नई कार्यकारिणी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और मुख्यमंत्री मोहन यादव की पसंद को अहमियत मिलेगी। संगठन सूत्रों का कहना है कि अनुभवी नेताओं और युवा कार्यकर्ताओं का संतुलित मिश्रण नई टीम में देखने को मिलेगा।


अगस्त माह बन सकता है निर्णायक

मध्यप्रदेश भाजपा में अगले कुछ सप्ताहों में मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियां और नई कार्यकारिणी की घोषणा संभावित है। ये निर्णय 2028 विधानसभा चुनाव की तैयारियों की दिशा तय करेंगे। सभी की निगाहें अब भाजपा नेतृत्व की अगली घोषणा पर टिकी हैं।


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