मनमानीरू रेत ठेकेदार सरकार के अनुबंध में लिखी शर्तों का कर रहे उल्लंघन

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सीहोर / जहाजपुरा में नर्मदा नदी की धार रोककर बीच में रोड बनाकर रेत का अवैध उत्खनन जारी
सीहोर. रेत ठेकेदार सरकार के अनुबंध में लिखी शर्तों का उल्लंघन कर नर्मदा नदी से रेत का उत्खनन कर रहे हैं। रेत निकालने के लिए नर्मदा नदी की धार रोककर पुल और सड़क बनाने में भी संकोच नहीं किया जा रहा है। जहाजपुरा चीच में नर्मदा की धार रोककर करीब 500 मीटर से ज्यादा लंबी सड़क बना दी गई है, जिससे और जेसीबी अंदर तक पहुंच जाते हैं। वैध कंपनी का रेत निकालने का यह अवैध तरीका नर्मदा नदी के बहाव के लिए बांधा बन गया है। नर्मदा नदी में पानी के बहाव की गति निरंतर सामान्य से कम होती जा रही है। प्रशासन ने जल्द इस तरह ध्यान नहीं दिया तो यह आने वाले समय में काफी मुश्किल पैदा करने वाला होगा।
जानकारी के अनुसार नर्मदा नदी से रेत उत्खनन की शर्त के हिसाब से नदी की बहाव में बाधा उत्पन्न कर रेत निकालना नियमों के खिलाफ है, लेकिन ठेकेदार मनमर्जी से रेत उत्खनन कर रहे हैं और खनिज विभाग इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इसके अलावा यह भी शिकायत निरंतर मिल रही हैं कि रेत ठेकेदार उन जगहों से भी रेत निकाल रहे हैं, जो खनिज विभाग और निगम की वैध खदान नहीं हैं। जिले में रेत की वैध खदान सिर्फ 38 हैं, लेकिन इस समय नर्मदा नदी में करीब 35 जगह से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है।

टास्क फोर्स समिति ने लंबे समय से नहीं की कार्रवाई

जिले में रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन रोकने के लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति बनी हुई है। इस समिति में राजस्व, पुलिस और माइनिंग के अफसर हैं।
बीते करीब 7 से 8 महीने में जिला टास्क फोर्स समिति ने एक बार भी नर्मदा नदी की रेत खदानों का मुआयना कर अवैध उत्खनन और परिवहन को रोकने की दिशा में कोई पहल नहीं की है। जिले में पहले निरंतर जिला टास्क फोर्स रेत खदानों पर दबिश देकर रेत के वैध उत्खनन को रोकने की कार्रवाई करती थी।
रेत के अवैध परिवहन की भी शिकायत
जिले में रेत के अवैध परिवहन की भी खूब शिकायत मिल रही हैं। बताया जा रहा है कि कुछ प्रभावशाली और रेत ठेकेदारों के चहेते बिना रॉयल्टी के रेत का परिवहन कर रहे हैं। माइनिंग की टीम नियमित रूप से इसकी कोई जांच नहीं करती है। पहले पुलिस ओवरलोडिंग का हवाला देकर डंपरों को रोक लेती थी, इस दौरान रॉयल्टी होने और नहीं होने की बात सामने आ जाती थी, लेकिन अब पुलिस भी रेत डंपरों को नहीं रोक रही है, जिसका फायदा उठाकर अवैध परिवहन भी खूब हो रहा है।

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