मप्र में सरकारी कर्मचारियों की मौज, बढ़ाया 3 प्रतिशत डीए, मई से होगा लागू

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प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केंद्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता 55ः करने की घोषणा की है। इसमें 3ः भत्ता 1 जुलाई 2024 और 2ः 1 जनवरी 2025 से बढ़ाया जाएगा। एरियर का भुगतान 5 समान किस्तों में जून से अक्टूबर 2025 के बीच किया जाएगा। राजपत्रित अधिकारी संघ के सम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ने यह घोषणा की। प्रदेश के लगभग सात लाख अधिकारियों-कर्मचारियों की लंबित एक और मांग को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूरा कर दिया। नार्मदीय भवन तुलसी नगर में आयोजित राजपत्रित अधिकारी संघ के सम्मेलन में उन्होंने केंद्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता पांच प्रतिशत बढ़ाकर 55 प्रतिशत करने की घोषणा की। इसमें तीन प्रतिशत भत्ता एक जुलाई 2024 और

दो प्रतिशत लंबित थे, उन पर निर्णय लेकर आदेष भी जारी कर दिए। 55 प्रतिषत की दर महंगाई भता तत्काल प्रभाव से लागू होगा। एरियर भी पांच समान किस्तों में अक्टूबर2025 तक देंगे ताकि दीपावली का आनंद भी रहे
भत्ता 1 जुलाई 2024 और 2ः 1 जनवरी 2025 से बढाया जाएगा
प्रथम 5200 से 6300 द्वितीय 2300 से 3350 तृतीय 850 से 1550 चतुर्थ 700 से 850
दो बार महंगाई भत्ता बढ़ाया
प्रदेश के कर्मचारी को अभी भी 50 प्रतिशत की दर से ही महंगाई भत्ता मिल रहा है। इसकी घोषणा भी अक्टूबर 2024 में की गई और गौ माह का एरियर तीन किस्तों में दिया गया। जबकि, इस बीच केंद्र सरकार ने दो बार महंगाई भत्ता बढ़ा दिया। इसका लाभ केंद्रीय कर्मचारियों को जुलाई 2024 और जनवरी 2025 से मिला।
प्रदेश में अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों का दो प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाकर 55 प्रतिशत
एक जनवरी 2025 से बढ़ाया गया है एरियर का भुगतान पांच समान किस्तों में जून से अक्टूबर 2025 के बीच किया जाएगा
े सम्मेलन में मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव ने घोषणा की
मुख्यमंत्री के समक्ष जब राजपत्रित अधिकारी संघ ने महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग रखी तो उन्होंने मंच से इसे स्वीकार करते हुए घोषणा कर दी। डॉ यादव ने कहा कि सरकार कर्मचारियों के हित में
लगातार काम कर रही है।
महंगाई राहत बढ़ाने छत्तीसगढ़ से ली जाएगी सहमति
वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पेंशनरों की महंगाई राहत (डीआर) में पांच प्रतिशत वृद्धि करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार से सहमति मांगी जाएगी। इसके लिए उन्हें पत्र भेजा जाएगा और सहमति प्राप्त होते ही आदेश जारी कर दिए जाएंगे। दरअसल, राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 में पेंशनर के वित्तीय मामले में दोनों राज्यों की सहमति का प्रावधान है। वर्ष 2000 के पहले के कर्मचारियों की पेंशन में आने वाले वित्तीय भार का 73 प्रतिशत मध्य प्रदेश और 27 प्रतिशत छत्तीसगढ़ को उठाना पड़ता है। जबकि, पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के संरक्षक गणेश दत्त जोशी का कहना है कि इस प्रावधान को लेकर केंद्र सरकार अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है। राज्य सरकार को निर्णय लेना है पर
इसे लंबित रखा जा रहा है। पेंशनरों की महंगाई राहत में वृद्धि और एरियर का भुगतान कर्मचारियों की तरह ही होना चाहिए।

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