राजगढ़ / कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वह पहले मौसम की अनुकूल स्थिति देख लें। इसके बाद ही बोवनी करें। क्योंकि मानसून की सक्रियता बनी हुई है। अगर बोवनी होती है और इसके तत्काल बाद तेज बारिश होती है तो बीज को नुकसान हो सकता है। इसलिए अच्छे मौसम का इंतजार करें और फिर बोवनी करें।
तीन जुलाई तक आसमान में बादलों का रहेगा डेरा, इसके बाद मानसून कमजोर होगा
गुना. बोवनी के लिए किसान बारिश रुकने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अभी फिलहाल ऐसी कोई स्थिति नहीं है। क्योंकि चार मौसम प्रणालियों के सक्रिय होने से तेज बारिश की संभावना जताई गई है। गुना जिले में आगामी दिनों में बिजली के साथ गरज-चमक व बारिश की पूरी संभावना है। 30 जून से लेकर 3 जुलाई तक आसमान में बादल छाए रहेंगे और कई स्थानों पर गर्जन वाले बादलों के साथ वर्षा या आंधी तूफान की संभावना है। इस वजह से किसानों को अभी बोवनी न करने की सलाह दी गई है।
क्योंकि जब तक आसमान साफ नहीं हो जाता है, बोवनी करने से नुकसान की आशंका है। इसलिए कृषि विभाग ने भी किसानों को सलाह दी है कि वह मौसम को देखते हुए ही निर्णय लें। हालांकि मौसम विभाग ने आगे के दिनों में तेज बारिश की संभावना जताई है।
गरज-चमक के साथ बारिश की स्थिति
गुना में यह अस्थिर और सक्रिय मौसम मुख्य रूप से चार मौसमी प्रणालियों के कारण बना हुआ है। यही वजह है कि कभी बारिश तो कभी बादलों के साफ होने की स्थिति निर्मित हो रही है। लेकिन अब बंगाल की खड़ी में कम दबाव का एक मजबूत क्षेत्र बना है, इससे संभावना है कि अच्छी बारिश होगी। क्योंकि बारिश के लिए अन्य मौसमी प्रणाली भी सक्रिय हैं, जो इसे मजबूती दे रही हैं।
चार सिस्टम सक्रिय, इस वजह से बारिश की संभावना प्रबल
पहला कारण – मानसून ने 29 जून 2025 को पूरे देश को कवर कर लिया है, जो सामान्य तिथि 8 जुलाई से 9 दिन पहले है। इससे मध्य भारत, खासकर मध्यप्रदेश में मानसूनी हवा पूरी तरह सक्रिय हो गई है।
दूसरा कारण-उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, जो पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ते हुए झारखंड, ओडिशा और गंगीय पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ रहा है। इसका असर मध्यप्रदेश तक फैल रहा है, जिससे नमी और बादल बनने की प्रक्रिया तेज हो गई है। गुना में भी बादलों का डेरा जमा हुआ है।
तीसरा कारण – पूर्व-पश्चिम ट्रफ है। यह ट्रफ रेखा दक्षिण राजस्थान से होते हुए मध्यप्रदेश, उत्तर छत्तीसगढ़, और उत्तरी ओडिशा होते हुए बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। इस वजह से भी अच्छी बारिश और मानसून के सक्रिय रहने की संभावना जताई गई है। यह सिस्टम समुद्र तल से 3.1 से 5.8 किमी की ऊंचाई तक फैला है और नमी को गुना तक खींच रहा है।
चैथा कारण – ऊपरी हवा का चक्रवात है। उत्तर हरियाणा, दक्षिण उत्तर प्रदेश, और उत्तरी अरब सागर के ऊपर चक्रवात सक्रिय है। यह सिस्टम ऊपरी वायुमंडलीय नमी को मध्यप्रदेश में ला रहे हैं, जिससे वर्षा और बिजली के साथ गरज के आसार बढ़ रहे हैं। गुना में आगामी चार से पांच दिनों तक मानसूनी प्रभाव बहुत सक्रिय रहेगा।