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मानसून में हरी सब्जियों से परहेज, लेकिन ‘अरबी के पत्ते’ बनते हैं अपवाद
बारिश के मौसम में अक्सर एक्सपर्ट्स हरी पत्तेदार सब्जियों से परहेज की सलाह देते हैं क्योंकि इनमें संक्रमण की आशंका अधिक रहती है। लेकिन एक पत्तेदार सब्जी ऐसी भी है जो इस मौसम में सुरक्षित मानी जाती है — अरबी का पत्ता, जिसे घुइयां का पत्ता भी कहते हैं और अंग्रेजी में इसे Taro Leaves कहा जाता है।
यह पत्ता न केवल स्वादिष्ट व्यंजन बनाता है, बल्कि सेहत का भी खजाना है। आइए जानते हैं इसके फायदों, पोषक तत्वों और खाने के सही तरीके के बारे में।
अरबी के पत्तों में पाए जाने वाले पोषक तत्व
USDA (यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर) के मुताबिक, 1 कप (145 ग्राम) पके हुए अरबी के पत्ते में ये न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं:
एंटीऑक्सिडेंट्स और डाइटरी नाइट्रेट्स
कम कैलोरी, हाई फाइबर
विटामिन A, C और फोलेट
आयरन, पोटैशियम और कैल्शियम
हेल्थ बेनिफिट्स: क्यों खाने चाहिए अरबी के पत्ते?
स्किन के लिए फायदेमंद: थ्रेओनिन अमीनो एसिड कोलेजन बनाने में मदद करता है।
ब्लड प्रेशर कंट्रोल: डाइटरी नाइट्रेट्स हाई बीपी में फायदेमंद होते हैं।
दिल की सेहत: कोलेस्ट्रॉल फ्री और हाई फाइबर होने से हार्ट डिजीज का खतरा घटता है।
इम्यूनिटी मजबूत: विटामिन C और पॉलीफेनोल्स शरीर को बीमारियों से बचाते हैं।
वज़न घटाने में सहायक: फाइबर पेट भरने का एहसास देता है, जिससे ओवरईटिंग नहीं होती।
डाइट में कैसे शामिल करें?
भुजिया – उबाले पत्तों को हल्का भूनें।
पत्तों का रोल (पटौड़े/अलुवाड़ी) – बेसन और मसाले लगाकर भाप में पकाएं या तलें।
साबुत सब्जी – आलू, चना या दाल के साथ।
पराठा – आटे में मिलाकर सेंकें।
सूप या स्टू – उबालकर शामिल करें।
फरमेंटेड फूड – ढोकला, इडली आदि में उपयोग।
पकाने का सही तरीका क्या है?
कच्चे पत्तों को काटते वक्त ग्लव्स पहनें, जलन से बचने के लिए।
हमेशा अच्छी तरह धोकर ही पकाएं।
15 मिनट तक उबालें ताकि ऑक्सलेट जैसे हानिकारक तत्व खत्म हो जाएं।
नींबू, दही या इमली मिलाएं – ये ऑक्सलेट को न्यूट्रल करते हैं।
किसे नहीं खाने चाहिए अरबी के पत्ते?
गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे और क्रॉनिक बीमारियों से जूझ रहे लोग डॉक्टर से सलाह लें।
किडनी स्टोन की समस्या वालों को नहीं खाना चाहिए — ऑक्सलेट इसमें मौजूद होता है।
ऑक्सलेट सेंसिटिविटी वाले लोग परहेज करें।
ज़्यादा खाने से हो सकती हैं ये समस्याएं
- गैस, पेट दर्द या ब्लोटिंग
- गले में जलन या खुजली
- डाइजेस्टिव डिस्कम्फर्ट
इसलिए हफ्ते में 1-2 बार ही खाएं और हमेशा पूरी तरह पका हुआ ही सेवन करें।

अरबी की सुब्जी (Arbi Sabji) – मसालेदार और सूखी करी, पारंपरिक भारतीय स्वाद में बनी।

अरबी पत्तों की करी (Taro leaves curry) – नारियल और मसालों के साथ पकाई गई, सॉसी सब्जी विधि।

लीव्स स्टू (Red lentil stew with taro leaves) – दाल और अरबी पत्तों को मिलाकर बनाई पौष्टिक स्टू।

पात्रो / आलू वड़ी (Patra / Alu Vadi) – अरबी पत्तों में बेसन- मसाला भरकर रोल बना कर भाप में पकाई या तली जाने वाली लोकप्रिय स्नैक।