भोपाल, 27 अक्टूबर।
मध्यप्रदेश में संयुक्त किसान मोर्चा का भोपाल में प्रस्तावित प्रदर्शन अचानक बेमौसम बारिश के कारण स्थगित कर दिया गया। लगातार दो दिनों से जारी बारिश को देखते हुए मोर्चा ने कल आपात बैठक बुलाकर यह निर्णय लिया था कि प्रदर्शन को फिलहाल टाल दिया जाए और नई तारीख का ऐलान आगामी बैठक में किया जाएगा।
बैठक में यह भी तय किया गया कि बाहर से भोपाल आने वाले कार्यकर्ताओं को रोक दिया जाए, जबकि भोपाल और आसपास के किसान नेता मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे।
किसानों ने शाहजहानी पार्क से मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर सौंपा 12 सूत्री ज्ञापन
आज यादगार-ए-शाहजहानी पार्क, भोपाल में किसान संगठनों की सभा आयोजित की गई। सभा के बाद किसान नेताओं के दस सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर 12 सूत्री ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में किसानों ने कई अहम मांगें रखीं, जिनमें प्रमुख हैं —
- भावान्तर नहीं, भाव दिए जाएं, घोषित भावान्तर योजना समाप्त कर सभी फसलों की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सुनिश्चित की जाए।
- चुनावी वादों के अनुरूप देसी धान का समर्थन मूल्य ₹3300 प्रति क्विंटल घोषित किया जाए।
- अतिवृष्टि से हुए नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाए।
- पटवारी हल्के को इकाई मानकर औसत उपज की तुलना में आई कमी के आधार पर मुआवजा तय किया जाए।
- खाद-बीज की कमी दूर की जाए, पर्याप्त भंडारण किया जाए और नकली उत्पाद बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
भूमि अधिग्रहण और जमीन लूट पर रोक लगाने की मांग
मोर्चे ने मध्यप्रदेश में बड़े पैमाने पर जारी भूमि अधिग्रहण और जमीन लूट पर चिंता व्यक्त की।
ज्ञापन में कहा गया कि—
“किसानों की सहमति और ग्राम सभा की अनुमति के बिना कोई भी भूमि अधिग्रहण नहीं होना चाहिए। 2013 के कानून के अनुसार उचित मुआवजा और पुनर्वास सुनिश्चित किया जाए।”
इसके अलावा, देवास जिले के कन्नौद क्षेत्र में अनशन पर बैठे नौ गांवों के किसानों की समस्या का समाधान वार्ता के माध्यम से करने की मांग की गई।
पराली, गन्ना और बिजली को लेकर भी उठाई आवाज
संयुक्त किसान मोर्चा ने पराली जलाने पर दर्ज मुकदमों को तुरंत वापस लेने की मांग की। साथ ही कहा गया कि किसानों को अपराधी नहीं, सहयोगी के रूप में देखा जाए।
पराली प्रबंधन हेतु सहायता योजना लागू की जाए और आवश्यक मशीनरी एवं अनुदान समय पर उपलब्ध कराया जाए।
गन्ना किसानों के लिए मोर्चे ने मांग की कि:
- गन्ने का भाव ₹550 प्रति क्विंटल से कम न रखा जाए।
- शक्कर मिलों द्वारा बकाया भुगतान तत्काल कराया जाए।
- कैलारस सहकारी शक्कर कारखाना को दोबारा शुरू किया जाए।
बिजली, आत्महत्या और फसल बीमा पर भी मांगे
अन्य मांगों में मोर्चे ने कहा कि:
- किसानों को दिन में कम से कम 12 घंटे निर्बाध बिजली दी जाए।
- गलत बिल निरस्त किए जाएं और जले ट्रांसफार्मर तीन दिन में बदले जाएं।
- स्मार्ट मीटर योजना रद्द की जाए।
- आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को पर्याप्त मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
साथ ही कपास, फल और सब्जी किसानों को MSP और फसल बीमा योजना में शामिल करने, रबी फसलों के समर्थन मूल्य संशोधित करने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार दरें तय करने की मांग की गई।
सभा में कई संगठनों के नेता हुए शामिल
शाहजहानी पार्क में आयोजित सभा की अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज ने की और संचालन किसान जागृति संगठन के इरफ़ान जाफरी ने किया।
सभा को संबोधित करने वालों में शामिल थे —
प्रहलाद वैरागी, अखिलेश यादव, अशोक तिवारी, सोनू शर्मा, संदीप सिंह ठाकुर, सत्येंद्र मौर्य, कमलेश यादव, जनक राठौर, लालमणि त्रिपाठी, राहुल भाईजी, और विजय चौकसे सहित अन्य किसान नेता।
सभा के बाद दस सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री निवास जाकर ज्ञापन सौंपा।
संयुक्त किसान मोर्चा मध्यप्रदेश
“किसानों के हक की लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है।”




