Drnewsindia.com
नटेरन / मॉडल हाई सेकेंडरी स्कूल नटेरन के ग्राउंड की बदहाली का मुद्दा केवल गंदगी का नहीं है, बल्कि यह शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन की गहरी निष्क्रियता को दर्शाता है। यह स्थिति सीधे तौर पर विद्यार्थियों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और उनके शैक्षिक वातावरण को प्रभावित कर रही है।

1. बच्चों के मौलिक अधिकारों का हनन
स्कूल का मैदान सिर्फ खेलने की जगह नहीं होता; यह विद्यार्थियों के शारीरिक विकास, सामाजिक मेल-जोल और मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
- स्वास्थ्य जोखिम: मैदान में पड़े हड्डियाँ, चारा और अवांछित सामग्री गंभीर स्वच्छता और स्वास्थ्य जोखिम पैदा करते हैं। विद्यार्थी गंदगी के कारण लंच ब्रेक में भी बैठने से कतरा रहे हैं, जो सीधे तौर पर संक्रमण और बीमारी के खतरे को बढ़ाता है।
- शैक्षिक और खेल गतिविधियों पर प्रभाव: खेल (पी.टी. या स्पोर्ट्स) पाठ्यक्रम का एक अभिन्न अंग हैं। ग्राउंड की बदहाली के कारण खेल और अन्य सामूहिक गतिविधियों का संचालन असंभव हो जाता है, जिससे बच्चों के समग्र विकास में बाधा आती है।
- मनोवैज्ञानिक प्रभाव: एक गंदा और उपेक्षित वातावरण छात्रों में निराशा और अपने संस्थान के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण पैदा कर सकता है।
2. प्रशासनिक और वित्तीय लापरवाही के सवाल
यह अत्यंत चिंताजनक है कि शिकायतें बार-बार करने के बावजूद शिक्षा विभाग और प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह स्थिति कई गंभीर सवाल खड़े करती है:
- जवाबदेही का अभाव: स्कूल के प्रिंसिपल से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) तक, किसकी यह जिम्मेदारी थी कि वह नियमित रूप से स्कूल परिसर का निरीक्षण करे और रखरखाव सुनिश्चित करे?
- निधि का उपयोग: स्कूलों के रखरखाव के लिए सरकार द्वारा आवंटित वार्षिक अनुदान (Annual Grants) का उपयोग क्यों नहीं किया गया? यदि फंड की कमी थी, तो उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना क्यों नहीं दी गई?
- प्रशासनिक संवेदनहीनता: नागरिकों और अभिभावकों की शिकायतों को कई वर्षों तक अनदेखा करना प्रशासनिक संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है।
3. आगे की राह और आवश्यक कदम
इस समस्या का समाधान केवल एक बार की सफाई नहीं है, बल्कि एक स्थायी और जवाबदेह व्यवस्था स्थापित करना है:
- तत्काल कार्रवाई:
- प्रशासन को तुरंत एक टीम भेजकर ग्राउंड की वैज्ञानिक तरीके से सफाई (Disposal of waste and sanitization) करवानी चाहिए।
- स्कूल के आसपास भविष्य में गंदगी न फैले, इसके लिए स्थायी बाड़ (Fencing) लगाने पर विचार किया जा सकता है।
- जिम्मेदारों पर कार्रवाई:
- जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए कि इस लंबे समय की उपेक्षा के लिए कौन से अधिकारी दोषी हैं (प्रिंसिपल, संकुल प्राचार्य, या DEO कार्यालय के संबंधित क्लर्क)।
- लापरवाही साबित होने पर ऐसे अधिकारियों पर सेवा नियमों के तहत दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति न हो।
- स्थायी समाधान:
- स्कूल प्रबंधन समिति (SMC) को ग्राउंड के नियमित रखरखाव के लिए एक वार्षिक कैलेंडर और बजट बनाना चाहिए।
- स्थानीय नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, जहाँ अभिभावक ‘श्रमदान’ या निगरानी के माध्यम से स्कूल की देखभाल में सहयोग करें।
नटेरन के इस मॉडल स्कूल को शिक्षा के एक मॉडल केंद्र के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है, न कि प्रशासनिक उपेक्षा का उदाहरण बनने दिया जाए। सरकार को शिक्षा की गुणवत्ता और बुनियादी ढाँचे को प्राथमिकता देनी होगी ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को भी एक स्वस्थ और स्वच्छ शैक्षिक वातावरण मिल सके।



