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राजगढ़ / बाल विवाह जैसी कुप्रथा को जड़ से खत्म करने के लिए ‘बाल विवाह मुक्त राजगढ़ अभियान’ सामाजिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। शुक्रवार को ग्राम पंचायत दंड और भवानीपुरा में पंचायत स्तरीय जागरूकता चौपालों का सफल आयोजन किया गया।
इस अभियान के तहत अब तक अकेले खिलचीपुर परियोजना में 6 बाल विवाह को सफलतापूर्वक रोका जा चुका है, जो इस पहल की सफलता को दर्शाता है।
अभियान की प्रगति और उद्देश्य
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री श्याम बाबू खरे के मार्गदर्शन में यह अभियान सतत रूप से चलाया जा रहा है।
- सफलता: खिलचीपुर परियोजना की 36 ग्राम पंचायतों में अब तक लगभग 70 गांवों की जनता को जागरूक किया जा चुका है और 6 बाल विवाहों को सफलतापूर्वक रोका गया है।
- उद्देश्य: अभियान का उद्देश्य सामूहिक प्रयासों से इस कुप्रथा को समाप्त करना है, ताकि हर बच्चा मानसिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त हो सके और अपने भविष्य को सुरक्षित कर सके।
- जागरूकता बिंदु: चौपालों में ग्रामीणों को बताया गया कि कम उम्र में विवाह बच्चों की शिक्षा बाधित करता है, स्वास्थ्य जोखिम बढ़ाता है और मातृ-शिशु मृत्यु दर को प्रभावित करता है।
⚖️ कानूनी जानकारी और नोडल अधिकारी का संदेश
चौपालों में ग्रामीणों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की विस्तृत जानकारी दी गई। अभियान की नोडल अधिकारी प्रशासक श्रीमती रश्मि चौहान ने कार्यक्रम के उद्देश्य और समाज की सक्रिय भूमिका को समझाया।
“हमारा उद्देश्य है बाल विवाह और बाल सगाई को रोकना ताकि हर बच्चा अपने सपनों को पूरा कर सके।”
सूचना देने और सहायता के लिए हेल्पलाइन
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि बाल विवाह की सूचना देने और सहायता के लिए निगरानी दल 24 घंटे सक्रिय है। सूचना देने के लिए निम्नलिखित संपर्क सूत्र दिए गए हैं:
- चाइल्ड हेल्पलाइन: 1098
- महिला हेल्पलाइन: 181
- बाल विवाह कन्ट्रोल रूम (वन स्टॉप सेंटर): 07372-254360
- ऑनलाइन माध्यम: बाल विवाह मुक्त भारत पोर्टल
कार्यक्रम के अंत में सभी को शपथ दिलाई गई और ग्रामीणों से ‘बाल विवाह मुक्त राजगढ़’ बनाने की अपील के साथ रैली निकाली गई।




