
drnewsindia.com/धर्मनगरी मैहर में 23 जुलाई को मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद द्वारा एक ऐतिहासिक सरपंच महासम्मेलन का आयोजन किया गया। इस विशाल आयोजन में प्रदेशभर से हज़ारों त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधि एकत्रित हुए। आयोजन का उद्देश्य था—राज्य सरकार द्वारा पिछले एक वर्ष से लंबित 28 सूत्रीय मांग पत्र को याद दिलाना और पंचायती राज के संवैधानिक अधिकारों को लागू करने की माँग को सशक्त रूप से उठाना।
ज्ञापन सौंपा गया राज्यपाल और मुख्यमंत्री को
प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह सेंगर और जिला अध्यक्ष विजय पटेल के नेतृत्व में प्रतिनिधियों ने 24 सूत्रीय मांगों वाला ज्ञापन राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा। ज्ञापन में पंचायतों के अधिकारों, वित्तीय सशक्तिकरण और पंचायती राज के प्रभावी क्रियान्वयन की प्रमुख माँगें शामिल थीं।
पिछले वर्ष के वादों की याद दिलाई
जिला पंचायत सदस्य, जनपद अध्यक्ष, जनपद सदस्य सरपंच, पांच, के अलावा संगठन के जिला अध्यक्ष,ब्लाक अध्यक्ष के उपस्थित रहे।
23 जुलाई 2024 को भोपाल के अम्बेडकर पार्क में आयोजित महासम्मेलन में सरकार ने सरपंचों से 28 सूत्री मांगों को स्वीकारने का आश्वासन दिया था। लेकिन एक साल बाद भी सरकार की ओर से ठोस अमल नहीं किया गया। इसी कारण इस वर्ष दोबारा सम्मेलन आयोजित कर दबाव बनाया गया है।

सम्मेलन में रखे गए प्रमुख मुद्दे:
- पंचायत प्रतिनिधियों को संविधान के अनुच्छेद 243-G के अंतर्गत मिले 29 विषयों पर अधिकारों का पूर्ण हस्तांतरण।
- पंचायतों का वित्तीय और प्रशासनिक सशक्तिकरण।
- प्रदेश के हर जिले में पंचायत परिषद कार्यालय की स्थापना।
- सरपंचों को मानदेय, भत्ता और सुरक्षा प्रदान करने की माँग।
- भ्रष्टाचार से लड़ने में पंचायतों की भागीदारी बढ़ाने की योजना।
सम्मेलन में शामिल प्रमुख चेहरे
- अशोक जादौन, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय पंचायत परिषद
- शीतला शंकर विजय मिश्र, मुख्य महामंत्री
- महेंद्र यादव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
- महेंद्र सिंह बुंदेला, सचिव
- गौरव पटेल, अध्यक्ष, जिला पंचायत दमोह
- अजय गोटिया, अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य संघ
- प्रीति सिंह राठौर, महिला मोर्चा अध्यक्ष
- जालम सिंह पटेल, अध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष संघ
- सुरेंद्र सिंह सोलंकी, महासचिव, एमपी पंचायत परिषद
- संगठन से जुड़े कई ब्लॉक और जिला अध्यक्ष भी उपस्थित रहे।
सम्मेलन में गूंजे विचार
“सरकार ने यदि पंचायतों के अधिकारों को लागू नहीं किया तो अगला आंदोलन भोपाल की धरती पर ऐतिहासिक रूप में होगा।”
— अशोक सिंह सेंगर, प्रदेश अध्यक्ष, म.प्र. राज्य पंचायत परिषद
“हम महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की बात कर रहे हैं, और सरकार हमें मौलिक अधिकार भी नहीं दे रही।”
— महेंद्र यादव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
सरपंच महासम्मेलन ने स्पष्ट कर दिया है कि अब पंचायत प्रतिनिधि चुप नहीं बैठेंगे। जब तक उन्हें संवैधानिक अधिकार, सम्मान और संसाधन नहीं मिलते, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। पंचायती राज की मजबूती लोकतंत्र की मजबूती है और यही इस महासम्मेलन का मुख्य संदेश रहा।



