Drnewsindia.comरायसेन,
जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में उस समय हड़कंप मच गया जब एक किसान अपनी मूंग की फसल का भुगतान न मिलने से आहत होकर पेड़ पर चढ़ गया और रस्सी बांधकर फांसी लगाने की कोशिश करने लगा। मौके पर भीड़ जमा हो गई। सूचना मिलते ही कलेक्टर अरुण कुमार विश्वकर्मा लंच बीच में ही छोड़कर तुरंत पहुंचे और अधिकारियों को फटकार लगाते हुए किसान को समझाइश देकर सुरक्षित नीचे उतारा।
40 क्विंटल मूंग बेची, फिर भी अटका भुगतान
देवरी तहसील के केकड़ा गांव निवासी किसान गल्ला रज ने बताया कि उसने करीब 40 क्विंटल मूंग सरकारी खरीदी केंद्र पर बेची थी। तुलाई पूरी होने के बावजूद महीनों से भुगतान नहीं हुआ। किसान का कहना है कि उसके अलावा करीब 10 और किसानों के पैसे भी बकाया हैं। आर्थिक तंगी और कर्ज के दबाव के कारण वह मानसिक रूप से टूट चुका था।
कलेक्टर ने लगाई अधिकारियों को फटकार

घटना की खबर मिलते ही कलेक्टर मौके पर पहुंचे और जिम्मेदार अधिकारियों से कड़ी नाराजगी जताई। जिला पंचायत सीईओ अंजू पवन भदौरिया भी वहां मौजूद रहीं और किसान को समझाने में जुटीं।
समझाइश के बाद उतरा किसान
लंबी समझाइश और आश्वासन के बाद किसान पेड़ से नीचे उतरा। कलेक्टर ने उसे अपने पास बुलाकर पूरी बात सुनी और डीएमओ कल्याण सिंह को तुरंत भुगतान प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए। साथ ही सभी किसानों के बकाया भुगतान की समीक्षा करने को कहा।
गल्ला रज, गांव – केकड़ा, तहसील देवरी
फसल: 40 क्विंटल मूंग बेची
समस्या: महीनों से भुगतान लंबित
प्रभावित किसान: लगभग 10 और किसान
प्रशासन की कार्रवाई: कलेक्टर ने डीएमओ को तत्काल भुगतान का आदेश दिया इस खबर के साथ “मध्यप्रदेश में किसानों के बकाया भुगतान का आंकड़ा जिलेवार” भी जोड़ दूँ, ताकि रिपोर्ट और मजबूत हो?
वर्तमान हालात
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार राहत कोष के रूप में ₹563 करोड़ अवशेषित हैं, लेकिन भुगतान 6 महीने या उससे अधिक देरी से हो रहे हैं।
कुल मूंग किसान (अनुमानित): लगभग 10 लाख
भुगतान लंबित: लगभग 50%
किसानों का वर्तमान अनुभव: भुगतानों में महीनेभर की देरी, आर्थिक तंगी
सरकारी स्थिति: ₹563 करोड़ आवंटित, लेकिन अधूरा भुगतान—प्रक्रिया धीमी और अपर्याप्त
समाधान की मांग: तत्काल भुगतान, पारदर्शी प्रणाली, ऑनलाइन ट्रैकिंग पोर्टल