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रायसेन के सागर रोड वार्ड 13 स्थित राधा कृष्णापुरम और रॉयल सिटी कॉलोनी में बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पिछले तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण दोनों कॉलोनियों में पानी भर गया है।
राधा कृष्णापुरम कॉलोनी में सड़क न होने के कारण बारिश का पानी जमा हो गया है। स्थानीय निवासियों की शिकायत पर नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि जमुना सेन मौके पर पहुंचे। उन्होंने कॉलोनीवासियों की समस्या सुनी और जल्द समाधान का आश्वासन दिया।

लोगों के घरों के सामने जमा हो गया पानी रॉयल सिटी कॉलोनी में भी स्थिति गंभीर है। कई गलियों में सड़क नहीं होने से बारिश का पानी लोगों के घरों के सामने जमा हो गया है। कॉलोनी निवासी राजेश जोशी के घर में पानी घुस गया। परिवार के सदस्यों को बाल्टी और अन्य बर्तनों से पानी बाहर निकालना पड़ा।
पानी निकलने की व्यवस्था न होने का आरोप स्थानीय निवासियों का कहना है कि कॉलोनी में पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। इस कारण बारिश का पानी सड़कों पर जमा हो जाता है। प्रशासन से जल्द समाधान की मांग की जा रही है।
पांच दिन की बारिश से लबालब हुए खेत, धान की रोपाई में जुटे किसान

सिलवानी क्षेत्र में पिछले पांच दिनों से लगातार बारिश हो रही है। खेतों में पानी भर गया है। किसान धान की तैयारी में जुट गए हैं। 7 जुलाई तक 436.8 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है, जबकि बीते साल इस समय तक मात्र 207.8 मिमी बारिश हुई थी। इस साल अब तक औसत से दोगुनी बारिश दर्ज की गई है। बारिश का सीजन अभी बाकी है।
बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। कई जगह रास्ते बंद हो गए। सोमवार को दोपहर कुछ देर के लिए धूप निकली। लेकिन शाम होते ही फिर बारिश शुरू हो गई। बारिश ने एक ओर जहां सड़कों को दलदल में बदल दिया है, वहीं किसान अच्छी बारिश से खुश हैं।धान के खेतों से निकलते ट्रैक्टरों के पहियों से चिपकी मिट्टी सड़कों पर फैल रही है, जिससे फिसलन बढ़ गई है। आवागमन में परेशानी हो रही है और हादसे का अंदेशा बना हुआ है। स्थानीय लोग इस ओर प्रशासन का ध्यान दिला रहे हैं।
धान की रोपाई में जुटे मूंग की फसल की कटाई के बाद अब किसान धान की बोवनी की तैयारी में लग गए हैं। खेतों में गढ़े बनाए जा रहे हैं और ट्रैक्टर से मिट्टी मचाई जा रही है। कई जगह रोपा बनाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। किसान राजकुमार रघुवंशी, दीपक कुमार और राजेंद्र रघुवंशी ने बताया कि 25 दिन में रोपा तैयार होता है, इसके बाद गीले खेतों में उसकी रोपाई की जाती है।