लाड़ली बहनों के खातों में पहली बार 1500 रुपए: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिवनी से राशि ट्रांसफर की

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अब हर माह 1 करोड़ 26 लाख से अधिक महिलाओं को 1500 रुपए मिलेंगे; पहले 1250 रुपए मिलते थे

Drnewsinsdia.com/भोपाल /


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिवनी में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह से लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत 1 करोड़ 26 लाख 36 हजार महिलाओं के बैंक खातों में ₹1500 प्रति माह की बढ़ी हुई राशि ट्रांसफर की।
पहले यह राशि ₹1250 थी, जिसे कैबिनेट की मंजूरी के बाद ₹250 बढ़ाया गया है।


1.26 करोड़ बहनों के खाते में एक क्लिक से 1587 करोड़ रुपए

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि “यह योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का मजबूत माध्यम बनेगी।”
सरकार ने इस बार 1 करोड़ 26 लाख 36 हजार हितग्राहियों के खातों में कुल ₹1587 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए हैं।

“अब हर बहन के खाते में 1250 रुपए की जगह 1500 रुपए आएंगे। हमारी सरकार हर बहन की खुशहाली और आत्मनिर्भरता के लिए समर्पित है।”
— मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव


सीएम ने कहा — ‘जीजाजी डराते तो नहीं?’

सिवनी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने आत्मीयता भरे अंदाज़ में महिलाओं से संवाद किया।
उन्होंने एक महिला के पति से मज़ाकिया लहज़े में पूछा —

“जीजाजी आ गए हैं, आप हमारी बहन को डरा तो नहीं देते? कहीं पैसे तो नहीं ले लेते उनसे?”
इस पर महिला के पति ने मुस्कुराते हुए कहा — “नहीं, मैं एडवोकेट हूं, और पत्नी दुकान में मेरी मदद करती हैं।”

कार्यक्रम में महिलाओं ने भी उत्साहपूर्वक कहा कि वे अपनी राशि का उपयोग घर और व्यवसाय में करती हैं, दारू जैसी चीज़ों पर नहीं।


60 वर्ष की आयु पर लाभ बंद — योजना का प्रारंभिक प्रावधान

लाड़ली बहना योजना में आरंभ से ही यह नियम लागू है कि 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर हितग्राही अपात्र हो जाएंगी।
सामाजिक न्याय विभाग द्वारा समग्र आईडी सत्यापन की प्रक्रिया जारी है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इससे राशि वितरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।


‘अगर कलेक्टर ने सिखाया होगा तो सस्पेंड कर देंगे’ — सीएम की सख्ती

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने एक महिला से पूछा कि “जो बात आप कह रही हैं, वह किसी ने सिखाई तो नहीं?”
उन्होंने कहा, “अगर कलेक्टर ने सिखाया होगा, तो सस्पेंड कर देंगे।”
महिला ने कहा कि यह उनके मन की बात है — किसी ने नहीं सिखाया।


‘लाड़ली बहना’ का नाम नहीं बदलेगा

पिछले कुछ समय से यह चर्चा थी कि इस योजना का नाम “देवी सुभद्रा योजना” किया जा सकता है,
परंतु मुख्यमंत्री ने ऐसा कोई ऐलान नहीं किया।
महिला एवं बाल विकास विभाग की आयुक्त निधि निवेदिता ने भी योजना का नाम बदलने की जानकारी से इंकार किया।


महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर फोकस

  • योजना के माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता से जोड़ा जाएगा।
  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं को छोटे उद्योगों व विभागीय योजनाओं से जोड़ा जा रहा है।
  • अब तक 29 किश्तों में ₹44,900 करोड़ रुपए से अधिक की राशि ट्रांसफर की जा चुकी है।
  • योजना की शुरुआत जून 2023 में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में हुई थी।

श्रीकृष्ण-सुभद्रा की प्रेरणा से ‘बहनों का सशक्तिकरण’

भाई दूज पर आयोजित कार्यक्रम में सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा था —

“भगवान श्रीकृष्ण और सुभद्रा का रिश्ता भाई-बहन के प्रेम और संरक्षण की सबसे सुंदर मिसाल है।
जिस तरह श्रीकृष्ण ने हर परिस्थिति में बहन की रक्षा की, उसी भावना से हमारी सरकार हर लाड़ली बहन के सुख-सुरक्षा की साथी है।”


  1. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लाड़ली बहनों से संवाद करते हुए (कैप्शन: “सीएम ने कहा — जीजाजी डराते तो नहीं?”)
  2. मंच से राशि ट्रांसफर करते हुए दृश्य (कैप्शन: “1.26 करोड़ महिलाओं के खातों में 1500 रुपए ट्रांसफर”)
  3. महिलाओं की खुशी के पल (कैप्शन: “खुशियों से खिले चेहरों पर आत्मनिर्भरता का विश्वास”)

लाड़ली बहनों के खातों में पहली बार 1500 — मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिवनी से ट्रांसफर की राशि
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लाड़ली बहना योजना की बढ़ी हुई ₹1500 किस्त का सिवनी से शुभारंभ किया। 1.26 करोड़ महिलाओं को एक क्लिक में 1587 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए।
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