रविवार-सोमवार की रात स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से एक नवजात बालिका शिशु की जान चली गई थी। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और उसके कारण हुई इस हृद्य विदारक घटना के संबंध में मंगलवार सुबह करीब 10 बजे झमाझम बरसात के बीच सीएमएचओ डॉ शोभा पटेल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गई। उन्होंने घटना के संबंध जानकारी ली, अस्पताल की व्यवस्थाएं देखी, रजिस्टर और डाटा की जांच की। इस दौरान अस्पताल में कई तरह की अनियमितता मिलने ड्यूटी डॉ. सहित रात्रि कालीन ड्यूटी स्टाफ को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि दिमाग पैर में नहीं सर पर रखकर कार्य करे।
सीएमएचओ के इस निरीक्षण में खुजनेर के सीबी एमओ एस के मित्तल हमेशा की तरह नदारद मिले।
सीएमएचओ के इस निरीक्षण में भी कहीं न कहीं कार्रवाई को लेकर अधिकारियों का सुस्त रवैया नजर आया। सीएमएचओ द्वारा काम करने वाले फील्ड स्टाफ को दोषी ठहराने और इस पूरी अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार सीबीएमओ के प्रति साफ्ट रवैया दिखाने की बात सामने आई। इस मौके पर मौजूद जनपद सदस्य मांगीलाल नागर ने सीएमएचओ को बताया कि जब बच्ची को ऑक्सीजन लगाया तो उसमें ऑक्सीजन नहीं थी। लेकिन सीएमएचओ ने उनको गलत ठहराते हुए गाड़ी में बैठ निकल गई। ऐसा लगता है कि मामले की लीपा पोती कर निर्दोष स्वास्थ्य कर्मियों को दोषी ठहरा जिम्मेदारों को बचाने के लिए खानापूर्ति कर ली जाएगी इस मौके पर डीएचओ डॉ राजीव हरिऔध भी उपस्थित रहे।
लापरवाही से गई थी नवजात की जानरू रविवार-सोमवार की रात स्थानीय अस्पताल में एक बालिका शिशु का जन्म हुआ था, लेकिन उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। अस्पताल में ऑक्सीजन लगाकर उपचार का प्रयास किया गया, ले न कोई सुधार नहीं हुआ। उसे राजगढ़ रेफर कर दिया गया, लेकिन एंबुलेंस को कॉल करने के बाद वह डेढ़ घंटे तक नहीं आई। ऐसे में परिजनों ने निजी वाहन से जिला अस्पताल ले जाने का मन बनाया। लेकिन इस वाहन के लिए जो आक्सीजन सिलेंडर दिया उसमें ऑक्सीजन नहीं थी। शिशु की हालत बिगड़ती देख उसे तुरंत अस्पताल में लाकर ऑक्सीजन देने की कोशिश की लेकिन बालिका की जान नहीं बच सकी।
दस्तावेज देखे हैं
मौके पर पहुंच सारे दस्तावेज देखे है, साथ लेकर आई हूं. हम जांच रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, जो भी निष्कर्ष निकलता है, उसकी जानकारी हम दे देंगे।
शोभा पटेल, सीएमएचओ, राजगढ़