वेटिंग शिक्षकों ने सीएम को खून से लिखा पत्र

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शिक्षक वेटिंग अभ्यर्थियों ने मांगी नियुक्ति।

भोपाल / में शिक्षक भर्ती वर्ग-1 के वेटिंग अभ्यर्थियों ने नियुक्ति की मांग को लेकर गुहार लगाई हैं। दमोह और इंदौर से आए इन अभ्यर्थियों ने इंजेक्शन से खून निकालकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है।

पत्र में उन्होंने लिखा –

“मोहन भैया, लाड़ली बहनों की पीड़ा समझिए, हमारे हक के लिए कुछ करिए।”

इन अभ्यर्थियों की मांग है कि शिक्षक भर्ती वर्ग-1 (2023) के तहत शेष बचे स्वीकृत पदों पर उन्हें नियुक्ति दी जाए, ताकि उनकी वर्षों की मेहनत व्यर्थ न जाए।

1250 रुपए नहीं, मेहनत से मिला अधिकार चाहिए

वेटिंग अभ्यर्थियों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी हैं, जिन्हें राज्य सरकार की लाड़ली बहना योजना के तहत ₹1250 मासिक सहायता मिल रही है। लेकिन उनका कहना है,“हम लाड़ली बहनें हैं, लेकिन हमें सहायता नहीं, हमारा अधिकार चाहिए।”

उन्होंने मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि पिछले वर्ष राखी पर उन्होंने संदेश दिया था – “वर्ग 1 वेटिंग वाली आपकी लाड़ली बहनों का ख्याल भी रखना मोहन भैया।”

शिक्षक भर्ती वर्ग-1 के वेटिंग अभ्यर्थियों ने नियुक्ति की मांग को लेकर गुहार लगाई हैं।

शिक्षक भर्ती वर्ग-1 के वेटिंग अभ्यर्थियों ने नियुक्ति की मांग को लेकर गुहार लगाई हैं।

2901 पद अब भी खाली, दूसरी ओर फिर निकले नए 58 हजार

शिक्षक भर्ती 2023 के तहत कुल 8720 पदों में से केवल 5053 पदों पर नियुक्ति हुई, जबकि 2901 पद अब तक रिक्त हैं। अभ्यर्थियों का आरोप है कि चयन सूची में नाम आने के बावजूद उन्हें नियुक्त नहीं किया गया।

उधर शिक्षा विभाग ने दिसंबर 2024 में 48223 और जनजातीय कार्य विभाग ने 10501 नए शिक्षकों के पद स्वीकृत किए हैं। ऐसे में अभ्यर्थियों का सवाल है कि जब हजारों पद नए स्वीकृत हो सकते हैं, तो पुराने वेटिंग वालों को क्यों नजर अंदाज किया जा रहा है?

इससे पहले पैदल मार्च, धरना, और बाल कटवाकर भी विरोध जता चुके हैं।

इससे पहले पैदल मार्च, धरना, और बाल कटवाकर भी विरोध जता चुके हैं।

काउंसलिंग की पुरानी परंपरा इस बार क्यों टूटी?

वेटिंग शिक्षक संघ वर्ग-1 की मांग है कि रिक्त पदों पर उन्हें द्वितीय काउंसलिंग के माध्यम से नियुक्त किया जाए। उनका तर्क है कि 2011 और 2018 में भी द्वितीय काउंसलिंग के जरिए नियुक्तियां हुई थीं, लेकिन 2023 में इस परंपरा को तोड़ दिया गया, जिससे सैकड़ों योग्य अभ्यर्थी आज भी बेरोजगार हैं।

बाल कटवा चुके, अब खून से पत्र लिखकर गुहार

अभ्यर्थियों का यह विरोध पहला नहीं है। वे इससे पहले पैदल मार्च, धरना, और बाल कटवाकर भी विरोध जता चुके हैं। अब उन्होंने खून से पत्र लिखकर अपनी व्यथा मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की कोशिश की है।

वेटिंग शिक्षक संघ के नीरज त्रिवेदी, देशपाल पालीवाल और वंदना पांडे ने सरकार से अपील की है कि गरीब और वंचित तबके के बच्चों के भविष्य के लिए जल्द से जल्द द्वितीय काउंसलिंग कराई जाए, ताकि योग्य शिक्षक नियुक्त हो सकें और सरकारी स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार हो।

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