शताब्दी वर्ष में श्यामपुर में निकला विशाल पथ संचलन

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श्यामपुर, 12 अक्टूबर 2025
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में रविवार को श्यामपुर में विशाल पथ संचलन निकाला गया। हायर सेकेंड्री मैदान से प्रारंभ होकर कालका चौक, लक्ष्मण चौक, महावीर चौक, माता चौक, श्रीराम चौक, मेन मार्केट बस स्टैंड, नरसिंहगढ़ रोड, इमलीखेड़ा और भोपाल रोड होते हुए संचलन वापस अपने स्थान पर पहुँचा।
संचलन में सैकड़ों स्वयंसेवक अनुशासित पंक्तियों में घोष की ताल पर कदम से कदम मिलाकर चल रहे थे।

मुख्य वक्ता का प्रबोधन

कार्यक्रम में प्रांतीय अधिकारी श्री लखन जी महेश्वरी मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में विजयदशमी के दिन हुई थी। विजयदशमी का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक युग में शक्ति के विभिन्न स्वरूप रहे हैं —

“त्रेतायां मंत्र-शक्तिश्च, ज्ञानशक्तिः कृते-युगे। द्वापरे युद्ध-शक्तिश्च, संघशक्ति कलौ युगे॥”

अर्थात् कलियुग में संगठन शक्ति ही प्रधान है।

उन्होंने कहा कि संघ की 100 वर्षों की यात्रा में जब-जब राष्ट्र पर संकट आया, तब-तब संघ के स्वयंसेवक सबसे आगे रहे — चाहे रामसेतु की रक्षा का विषय हो या अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण।
आज “गर्व से कहो हम हिंदू हैं” यह भावना संघ की सौ वर्षों की साधना और तपस्या का परिणाम है।

पंच परिवर्तन पर होगा कार्य

मुख्य वक्ता ने बताया कि शताब्दी वर्ष से संघ समाज में पंच परिवर्तन के विषयों पर कार्य करेगा —
सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्व-बोध और नागरिक शिष्टाचार।
उन्होंने कहा कि यदि संपूर्ण समाज एकजुट होकर इन विषयों पर कार्य करे तो राष्ट्र को परम वैभव की ओर ले जाना शीघ्र संभव होगा।

स्थानीय नागरिकों का उत्साहपूर्ण स्वागत

संचलन के दौरान ग्रामवासियों ने घर-घर से पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया। माताओं-बहनों ने रंगोली बनाकर और आरती उतारकर श्रद्धा व्यक्त की।
कार्यक्रम में हर वर्ग के नागरिक शामिल हुए। वातावरण “भारत माता की जय” और “जय श्रीराम” के नारों से गूंज उठा।

स्थानीय नागरिकों ने कहा कि यह आयोजन समाज में अनुशासन, एकता और राष्ट्रभक्ति का संदेश देता है।

संघ का स्पष्ट संदेश

अपने वक्तव्य के अंत में श्री महेश्वरी ने कहा,

“हम किसी पंथ या मजहब के विरोधी नहीं हैं। हम केवल गलत विचारधारा के विरोधी हैं। जो भारत माता की जय बोलता है, वह हमारा भाई है।”

उन्होंने तुलसीदास जी के दोहे का उल्लेख करते हुए कहा —

“बड़ें भाग मानुष तनु पावा, सुर दुर्लभ सब ग्रंथन्हि गावा।”
हम सब सौभाग्यशाली हैं कि हमें मानव जन्म मिला, और उससे भी बड़ा सौभाग्य है कि हमें भारत भूमि और सनातन संस्कृति में जन्म मिला।


संक्षेप में

  • राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष उत्सव श्यामपुर में मनाया गया।
  • सैकड़ों स्वयंसेवकों ने अनुशासित पथ संचलन किया।
  • प्रांतीय अधिकारी लखन जी महेश्वरी ने “पंच परिवर्तन” का संदेश दिया।
  • ग्रामवासियों ने रंगोली और पुष्पवर्षा से स्वागत किया।
  • संघ का उद्देश्य: राष्ट्र को परम वैभव की ओर ले जाना।

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