सीहोर / हर के सीवन तट पर हनुमान मंदिर गोपालधाम में शिव प्रदोष सेवा समिति के तत्वाधान में एक माह तक आयोजित होने वाले शिव शक्ति दिव्य अनुष्ठान वैशाख महापर्व का आयोजन किया जा रहा है। बुधवार को भगवान गणेश की पूजा के साथ ही भगवान शिव का विशेष अभिषेक किया। इस दौरान यज्ञाचार्य पंडित पवन व्यास, पंडित कुणाल व्यास और मनोज दीक्षित मामा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। सुबह समाजसेवी भारत पंकज गुप्ता सहित अन्य ने यहां पर जारी शिव-शक्ति दिव्य अनुष्ठान के दौरान सप्तशती पाठ के साथ यज्ञ में आहुतियां दी।
पंडित श्री व्यास ने बताया कि भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करने का मतलब है उन्हें दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण अर्पित करना। यह एक पूजा विधि है जो शिव की कृपा प्राप्त करने और मनोकामनाएं पूरी होने के लिए की जाती है। काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार, इन पांच मन के विकारों द्वारा मनुष्य दुरूख पाता है। पूजा तभी सफल मानी जाती है जब मन के विकारों से व्यक्ति मुक्त हो जाए और निर्मल मन से ईश्वर की आराधना करे। मन को निर्मल करने के लिए प्रत्येक पूजा में पंचामृत का प्रयोग बताया गया है। शिवलिंग एवं अन्य देवमूर्तियों के स्नान से लेकर प्रसाद के रूप में पंचामृत ग्रहण करने की परंपरा अनादिकाल से चली आ रही है। सफलता के लिए धर्मशास्त्र में मन का निर्मल एवं बलवान होना आवश्यक बताया गया है।