श्रीराम महायज्ञ, महापुराण कथा की हुई पूर्णाहुति

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अहमदपुर/ग्राम सांकला में सात दिवसीय पंचकुंडात्मक श्रीराम महायज्ञ, श्रीमद् भागवत महापुराण कथा और प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन 2 जून से शुरू हुआ था। जिसका रविवार को इसका समापन हुआ। नवनिर्मित मंदिर में भगवान श्रीराम दरबार की स्थापना के साथ यज्ञ पूर्ण हुआ। श्रीमद् भागवत महापुराण कथा का समापन भी रविवार को हुआ।


कथावाचक दुर्गेशनंद महाराज ने अंतिम दिन श्रद्धालुओं को श्रीमद् भागवत महापुराण के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यह ग्रंथ भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों और लीलाओं का वर्णन करता है। इसमें भक्ति और ज्ञान दोनों का महत्व बताया गया है। ग्रंथ में कुल 18,000 श्लोक, 335 अध्याय और 12 स्कंध हैं। इसमें मोक्ष प्राप्ति के मार्ग का भी वर्णन है। भगवान विष्णु के सभी अवतारों में श्रीकृष्ण का अवतार सबसे प्रमुख बताया गया है।
ग्राम सांकला में प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा हुई।


मंत्रोच्चारण के साथ प्राण प्रतिष्ठा कराई
समापन के दिन यज्ञ आचार्य राजीव शास्त्री ने विधि-विधान से मंत्रोच्चारण के साथ नवनिर्मित मंदिर में भगवान श्रीराम दरबार, राधा-कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा कराई। इस अवसर पर विशाल महाप्रसादी का आयोजन हुआ। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और आसपास के सैकड़ों गांवों के ग्रामीणों ने भाग लिया।

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