सीहोर / देखा जाए तो नगर के मुख्य प्वाइंटों पर ट्रैफिक पुलिस के एक दो जवान देखने को मिलेंगे। जबकि शहर से 2 किमी दूर हाईवे पर ट्रैफिक इंचार्ज के साथ पूरा अमला बड़े वाहनों को रोककर खड़ा हुआ देखने को मिलेगा। इन पर चालानी कार्रवाई होती है या नहीं यह जांच का विषय है। जबकि नगर में नाबालिग वाहन चालक फरटि भरते देखे जा रहे हैं।
बता दें कि नगर की बढ़ती आबादी तथा विकसित होते व्यापार के कारण नगर के कई चैराहे वह पॉइंट ऐसे हैं जहां पर जवानों की – तैनाती होना जरूरी है। जबकि – ट्रैफिक इंचार्ज ललित कुमार गुप्ता – डेली अपडाउन की वजह से सुबह 11 बजे आष्टा पहुंचते हैं तथा आते – ही कन्नौद हाईवे पर निकल जाते हैं। उनके साथ पूरा ट्रैफिक जवानों का – अमला रहता है। उसके बाद से – यहां पर वाहनों को रोका जाता है। – उन पर चालानी कार्रवाई होती है या – वसूली। यह जांच का विषय है। जबकि मुख्य पाइंट पर एक दो जवान ही तैनात रहते हैं। वहीं बस स्टैंड की पुलिस चैकी पर उनके आते ही ताला डल जाता है। जो शाम को ही खुलता है।
नाबालिगों पर नहीं होती कार्रवाई
नगर की भीड़ भरी सड़कों पर तेज गति से दौड़ते वाहन यातायात नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। इनमें नए बाइक चालक बने नाबालिगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। इन पर रोकथाम के उपाय पुलिस नहीं कर पाती है। क्योंकि इस समय केवल नगर में चेकिंग अभियान भी थमा हुआ है। नगर में इस समय नाबालिग बच्चें दुपहिया वाहनों को अंधाधुंध दौड़ाते देखे जा सकते हैं। इनमें अधिकांश किशोर नाबालिग बच्चें हैं जो खासकर संफत्र परिवारों से हैं। उनके पालकों ने बिना मोटर व्हीकल की औपचारिकता पूरी किए बिना वाहन थमा दिए हैं। यह बाइक को मनचाही भगा तो पाते हैं, लेकिन उसको कंट्रोल नहीं कर पाते हैं।
जिससे हादसे होते रहते हैं। पिछले दिनों ही नए पार्वती पुल पर दो बाइकों में भिड़ंत से एक किशोर की मौत हुई थी। इतना ही नहीं बेलगाम गति से दौड़ते वाहन चालक खुद तो घायल होते हैं, वहीं लोगों को भी चोटिल भी कर रहे हैं। शहर की अधिकतर सड़कों और गलियों में बिना नंबर तथा बिना लाइसेंस के वाहन चलाते हुए लोगों को देखा जा सकता है। इस पर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। तेज गति से दौड़ते वाहनों में दोपहिया ही नहीं बल्कि कार, ट्रैक्टर भी शामिल हैं। इस संबंध में टीआई गिरीश दुबे का कहना है कि समय-समय पर चेकिंग अभियान चला कर कार्रवाई की जाती है।