डीआर न्यूज इंडिया डॉट कॉम/भोपाल प्रदेश मे सहकारी समितियां किसानों के साथ ही सरकार को भी चपत लगाने में पीछे नहीं हैं। प्रदेश में सहकारी संस्थाओं द्वारा किए जा रहे फर्जीवाड़े लगातार सामने आते रहते हैं। ताजा मामला ग्वालियर में सामने आया है। यहां की 76 सहकारी संस्थाओं ने करीब 7 साल में बारदानों को बेचकर सरकार को 641 लाख रूपए की चपत लगाई है। सरकारी खरीद केन्द्र हों या फिर मंडी, किसानों की खून-पसीने की कमाई पर सबकी नजर है। जहां जिसे मौका मिल रहा है वह लूट-खसौट करने से नहीं चूक रहा है। वहीं सहकारिता समितियां सरकार को भी चूना लगा रही हैं। ग्वालियर में सहकारी संस्थाओं का एक और बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित ग्वालियर की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के प्रशासक, समिति प्रबंधक और सेल्समैन पिछले कुछ सालों में 641 लाख रुपए का बारदाना बेचकर खा गए। पूर्व सहकारिता मंत्री भगवान सिंह यादव की शिकायत पर मप्र सरकार के सहकारिता मंत्रालय ने जांच के आदेश दिए हैं। सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव डीपी आहूजा का कहना है कि ये मामला मेरे से पहले का है। जांच की स्थिति क्या है, पता करता हूं। जांच रिपोर्ट के बाद संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी।
बेचे गए बारदानों की राशि नहीं लौटाई शसन को
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन समर्थन मूल्य पर फसलों के उपार्जन से लेकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन वितरण सहकारी संस्थाओं के जरिए करता है। उपार्जन के लिए नागरिक आपूर्ति निगम एवं मार्कफेड द्वारा खाली बारदाना भेजा जाता है। जबकि पीडीएस दुकानों पर बारदाने में भरकर गेंहू, चावल भेजे जाते हैं। नियमानुसार यह बारदाना सहकारी समितियों को वापस लौटाना होता है, लेकिन ग्वालियर की 76 सहकारी समितियों ने बारदाना बेचकर न तो राशि समितियों के खाते में जमा कराई और न ही शासन को लौटाई। इस राशि का बंदरबांट कर लिया गया। 2016 से लेकर 2023 तक बारदाना बेचकर समितियों के कर्ताधर्ताओं पर 641.75 लाख रुपए का घोटाला करने का आरोप है। पूर्व मंत्री भगवान सिंह यादव ने शिकायत में आरोप लगाए हैं कि बैंक प्रशासक और जिलाधीश द्वोष सहकारिता अधिकारियों को निर्देश देने के बाद भी सहकारिता विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। जिसकी वजह सहकारिता के घोटालें एवं गबन में सभी की मिलीभगत होती है। यादव ने कहा कि अपेक्स बैंक एवं सहकारिता आयुक्त कार्यालय के अधिकारी भी घोटाले में शामिल हैं। इस वजह से न कोई कार्रवाई होती है और जांच। शिकायत के बाद सहकारिता विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल ने ग्वालियर प्रवास के दौरान सहकारी समितियों के कुछ अधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई की। साथ ही जांच के निर्देश दिए।
ऐसे किया गया घोटाला
मिली जानकारी के अनुसार, सुनियोजित तरीके से बारदाना घोटाला किया गया है। 27 सहकारी समितियों के कर्ताधर्ताओं ने वर्ष 2016-17 से 2021-22 तक गेहूं, धान, सरसों की फसल उपार्जन के लिए भेजे गए बारदान को वापस नहीं करते हुए 89.39 लाख में बेचकर राशि का बंदरबांट किया। इसी तरह 44 समितियों के कर्ताधर्ताओं ने वर्ष 2018-19 से 2023-24 तक नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा पीडीएस दुकानों भेजे गए गेहूं, चावल का वारदाना नहीं लौटाया। बारदाना बेचकर 289.50 लाख रुपए का गबन किया। इसी तरह 72 समितियों के 72 कर्मचारी, 10 प्रशासकों पर पीडीएस का बारदाना बेचकर 262.68 लाख का गबन करने का आरोप है।