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उज्जैन से राष्ट्रीय संदेश: डेस्टिनेशन वेडिंग से सामूहिक सम्मेलन तक
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने बेटे अभिमन्यु यादव के विवाह को एक निजी पारिवारिक उत्सव की बजाय एक राष्ट्रीय सामाजिक संदेश में बदल दिया। CM मोहन यादव बेटे की शादी उज्जैन के सांवराखेड़ी स्थित विशाल मैदान में, एक सामूहिक विवाह सम्मेलन में संपन्न हुई। उनके बेटे अभिमन्यु और बहू डॉ. इशिता ने किसी भव्य डेस्टिनेशन वेडिंग की जगह, सामूहिक सम्मेलन में सात फेरे लिए। यह आयोजन न केवल राजनीतिक हलकों में बल्कि आम जनता के बीच भी सादगी और समानता की मिसाल बनकर उभरा, जहाँ CM के बेटे समेत कुल 22 जोड़ों ने एक ही मंडप के नीचे जीवन भर साथ रहने की कसमें खाईं।

मुख्यमंत्री यादव ने इस पहल के माध्यम से समाज को एक सीधा और शक्तिशाली संदेश दिया। उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह की इस पहल से समाज में फिजूलखर्ची पर रोक लगेगी और गरीब परिवारों को विवाह जैसे आवश्यक कार्यों में सहयोग मिलेगा। CM ने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक जीवन में रहते हुए, व्यक्तिगत जीवन में भी सामाजिक जिम्मेदारी निभाना आवश्यक है। इस निर्णय ने मध्य प्रदेश की राजनीतिक संस्कृति को एक नई दिशा दी है, जहाँ सादगी को सबसे ऊपर रखा गया है।

वीआईपी की सादगी: बारात में आम नागरिक बने बाराती

इस विवाह की सबसे खास बात यह रही कि CM मोहन यादव ने अपने बेटे की बारात में किसी भी प्रकार का वीआईपी प्रोटोकॉल या शक्ति प्रदर्शन नहीं अपनाया। बारात का मार्ग, व्यवस्था और माहौल पूरी तरह से आम नागरिक के विवाह जैसा था, जिसने सभी को प्रभावित किया।

- घोड़ी पर बेटा, पैदल CM: CM के बेटे अभिमन्यु यादव घोड़ी पर सवार होकर बारात लेकर विवाह स्थल पहुंचे और उन्होंने खुशी से डांस भी किया। यह दृश्य लोगों के लिए प्रेरणादायक था। सबसे बड़ा आकर्षण यह रहा कि खुद CM मोहन यादव बारात में सादगी से चलते दिखे, बिल्कुल एक सामान्य पिता की तरह जो अपने बेटे की शादी में शामिल है।
- पारिवारिक उत्साह: CM की पत्नी सीमा यादव और परिवार की अन्य महिला सदस्यों, जिसमें उनकी बड़ी बहू भी शामिल थीं, ने ढोल-नगाड़ों की धुन पर जमकर डांस किया और विवाह स्थल तक पहुंचीं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी बारात में CM के साथ बातचीत करते दिखे।

- समानता का भाव: CM डॉ. मोहन यादव ने मंच से कहा, “इस सामूहिक विवाह सम्मेलन में अलग-अलग जाति और समाज के लोग मौजूद हैं। कोई वेटर है तो कोई ड्राइवर, लेकिन हमारे लिए यहां कोई भी छोटा-बड़ा नहीं है। सभी दूल्हा-दुल्हन मेरे बेटे-बेटियों के समान हैं।” उन्होंने विवाह के बाद सभी 22 जोड़ों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और उन्हें आशीर्वाद दिया।
संत समागम और रामदेव का मज़ाकिया उद्घोष
विवाह सम्मेलन को संतों का भी आशीर्वाद मिला। वरमाला और फेरों की रस्म के दौरान, योग गुरु बाबा रामदेव ने स्वयं वैदिक मंत्रों का पाठ किया, जिससे वातावरण पूरी तरह से आध्यात्मिक हो गया। इस दौरान, उन्होंने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री से मज़ाक में कहा:
“आपका विवाह भी सामूहिक सम्मेलन में ही कराएंगे महाराज।”
इस टिप्पणी से पूरे पंडाल में हंसी की लहर दौड़ गई।
प्रमुख संत और राजनीतिक उपस्थिति:
इस भव्य और सादे आयोजन को समर्थन देने के लिए देश के कई बड़े नेता और धर्मगुरु उज्जैन पहुंचे:
| अतिथि का नाम | पद/पहचान | टिप्पणी/भूमिका |
| ज्योतिरादित्य सिंधिया | केंद्रीय मंत्री | बारात में सीएम के साथ शामिल हुए। |
| मंगुभाई पटेल | राज्यपाल | जोड़ों को आशीर्वाद देने पहुंचे। |
| रवींद्र पुरी महाराज | अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष | सीएम की पहल को ‘बहुत अच्छी’ बताया। |
| नरोत्तम मिश्रा | पूर्व गृहमंत्री | सादगी की तारीफ़ की, कहा- ऐसी शादी कहीं नहीं देखी। |
| नरेंद्र सिंह तोमर | विधानसभा अध्यक्ष | सामूहिक सम्मेलन में उपस्थित रहे। |
निमंत्रण सूची में देश भर के 8 राज्यपाल, 11 मुख्यमंत्री और लगभग 25 संतों को आमंत्रित किया गया था, जो इस आयोजन के महत्व को दर्शाता है।
सामाजिक पहल पर नेताओं के विचार और जोड़ों की राय
CM की इस पहल की सभी ने प्रशंसा की, और दूल्हा-दुल्हन भी इस अवसर से अभिभूत थे:
- पंडित धीरेंद्र शास्त्री: “सीएम अपने बेटे का विवाह सामूहिक सम्मेलन में करा रहे हैं, इससे डेस्टिनेशन वेडिंग में होने वाला खर्चा घट जाएगा। साथ ही एक नया प्रचलन शुरू हो जाएगा।”
- रवींद्र पुरी महाराज: “मुख्यमंत्री जी ने बहुत अच्छी पहल की है। हम भी प्रयास करेंगे कि कन्याओं का इसी तरह विवाह कराएं। अखाड़ा परिषद ने अपनी ओर से सभी जोड़ों को 21 लाख रुपए देने की घोषणा की है।”
- दुल्हन (ज्योति): “सम्मेलन में शादी करना हमारा सौभाग्य है। यहां बागेश्वर बाबा का आशीर्वाद मिला।”
- दूल्हा (सागर परमार): “सोचा नहीं था कि शादी में संत-महात्माओं का आशीर्वाद भी मिलेगा। सीएम ने हमारे लिए बहुत कुछ किया है।”
🎁 वर-वधू को मिला सहयोग और सम्मान
सामूहिक सम्मेलन में शामिल सभी 22 जोड़ों को सम्मान और आर्थिक सहयोग मिला:
| संस्था | राशि/सहयोग |
| अखाड़ा परिषद | सभी 22 जोड़ों को सवा लाख रुपए (कुल ₹21 लाख की घोषणा) |
| पतंजलि पीठ (बाबा रामदेव) | सभी जोड़ों को एक-एक लाख रुपए |
| आयोजन समिति | उपहार नहीं लाने का आग्रह किया गया। |
यह सहयोग इस बात का प्रमाण था कि यह आयोजन केवल प्रतीकात्मक नहीं था, बल्कि नवविवाहित जोड़ों को वित्तीय स्थिरता भी प्रदान करता था। सीएम के मित्र एवं परिवार के सदस्य रवि सोलंकी ने बताया कि सभी मेहमानों से उपहार नहीं लाने का आग्रह किया गया था।
भोजन और व्यवस्था
सामूहिक सम्मेलन में लगभग 25,000 लोगों के शामिल होने की संभावना थी। उनके लिए सुबह 10 बजे से बफेट सिस्टम में भव्य भोजन तैयार किया गया।
| व्यंजन का नाम | प्रकार |
| मिठाई | काजू कतली, राज भोग, मूंग खसखस का हलवा, केसर कलाकंद |
| अन्य व्यंजन | राजस्थानी डंठल पपड़ी, ड्रायफ्रूट चना दाल, भजिये, छोले, आलू-गोभी की सब्जी, पूरी, दाल, रोटी और चावल |




