सामाजिक सौहार्द बिगाडऩे की किसी को अनुमति नहीं,हरदा लाठीचार्ज मामले की सीएम ने मांगी रिपोर्ट…

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मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव

डीआर न्यूज इंडिया डाॅट काॅम/भोपाल हरदा में करणी सेना परिवार के प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा राजपूत छात्रावास में घुसकर किए गए लाठीचार्ज पर सीएम ने संज्ञान लिया है। सीएम ने ट्वीट कर लिखा, हरदा छात्रावास प्रकरण का संज्ञान लेकर मैंने जिला प्रशासन से विस्तृत जांच रिपोर्ट तलब की है। हमारी सरकार के लिए सामाजिक न्याय और परस्पर सद्भाव सर्वोच्चय प्राथमिकता है। मप्र में सामाजिक सौहार्द बिगाडऩे की किसी को अनुमति नहीं दी जाएगी।

मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव ने एक्स पर हरदा की घटना की जानकारी लेने की पोस्ट कर दी जानकारी


हरदा में विवाद का पूरा घटना क्रम
विवाद की शुरुआत 11-12 जुलाई को हुई। करणी सेना परिवार के नेता आशीष सिंह राजपूत ने आरोप लगाया कि उनके साथ हीरा खरीदने के नाम पर 18 लाख की धोखाधड़ी हुई, जिसकी उन्होंने मोगली थाने में शिकायत दर्ज करवाई। आशीष राजपूत ने विकास लोधी, मोहित वर्मा, उमेश तपानिया के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।12-13 जुलाई को पुलिस ने आरोपी मोहित वर्मा को गिरफ्तार किया और उसे कोर्ट ले जाने का प्रयास किया। इस दौरान करीब 40-50 करणी सेना कार्यकर्ता कोर्ट परिसर और मुख्य मार्ग पर आकर अदालत के रास्ते पर आरोपी को सौंपने की मांग की इसको लेकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बातचीत की कोशिश की, लेकिन जब प्रदर्शनकारी नहीं हटे तो आंसू गैस, वाटर कैनन और लाठीचार्ज किया। इस दौरान 4-5 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया, जिनमें जिला अध्यक्ष सुनील राजपूत, आशीष राजपूत भी शामिल थे। 3 जुलाई रविवार सुबह प्रदर्शनकारियों ने खंडवा बायपास हाईवे और अन्य मार्गों को बंद कर दिया। जाम के कारण स्कूल, एम्बुलेंस प्रभावित हुए तो पुलिस ने तीन बार तक लाठीचार्ज किया, साथ में तीन बार वाटर कैनन, आंसू गैस फायरिंग की गई। पुलिस ने नियम तोड़ने के आरोप में सैकड़ों कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। 60 से ज्यादा लोगों को जेल भेज दिया गया।
धारा 144 लागू
कोर्ट के बाहर और राजपूत छात्रावास में घुसकर क्षेत्र के साथ भी क्षेत्र को खाली कराने के लिए दोबारा बल प्रयोग किया गया। 14 जुलाई को 60 से ज्यादा गिरफ्तारियों की पुष्टि हुई। इसके बाद शांति बनाए रखने के लिए हरदा में प्रशासन ने पूर्व 144 लागू कर दी गई। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह हरदा पहुंचे, उन छात्रों से मिले जिनके ऊपर लाठीचार्ज किया गया था। स्थानीय लोगों ने पुलिस पर बच्चों सहित महिलाओं को पीटने का आरोप लगाते हुए न्यायिक जांच की मांग की। 15 जुलाई को करणी सेना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर को शर्तों के साथ रिहा किया गया। उन्होंने आंदोलन शांतिपूर्ण रखने और आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया प्रशासन ने अधिकृत रिपोर्ट तैयार की और वीडियो फुटेज जारी कर यह दिखाने की कोशिश की कि पुलिस कार्रवाई समूह विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि स्थानीय कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए की गई थी ।
जीवन सिंह शेरपुर ने कहा-हमें न्याय चाहिए
करणी सेना परिवार के अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की जांच रिपोर्ट मांगने वाली पोस्ट शेयर की है। इसमें उन्होंने लिखा है कि धन्यवाद देता हूं कि आपने हरदा छात्रावास प्रकरण पर संज्ञान लिया। यह आपके संवेदनशील नेतृत्व का संकेत है, परंतु मैं विनम्रतापूर्वक यह कहना चाहता हूं कि केवल जांच रिपोर्ट तलब करना पर्याप्त नहीं है। हरदा की सडक़ों से लेकर छात्रावास तक निर्दोष युवाओं और आम लोगों को बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज का शिकार बनाया गया। वे आज भी भय, अपमान और असुरक्षा के माहौल में हैं।

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