सिविल सेवा दिवस-मध्य प्रदेश के आईएएस अधिकारियों ने नवाचारों से बढ़ाया प्रदेश का मान

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लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती इस बात से तय होती है कि सरकार की योजनाएं और नीतियां आम जनता तक कितनी प्रभावी ढंग से पहुंच रही हैं। इन नीतियों को धरातल पर उतारने और जन-जन तक लाभ पहुंचाने का कार्य सिविल सेवकों के जिम्मे होता है। उनके इसी समर्पण और सेवा भावना को सम्मान देने के लिए हर वर्ष 21 अप्रैल को सिविल सेवा दिवस मनाया जाता है।

National Civil Services Day 2025: IAS officers of Madhya Pradesh have increased the prestige of the state thro
आईएएस अधिकारी पी नरहरि और प्रीति मैथिल

राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस पर मध्य प्रदेश के अधिकारियों की जनहितकारी पहलों  की चर्चा करना अहम हो जाता है, जिनकी जनसेवा, नवाचार और दूरदर्शिता से प्रदेश ही नहीं, बल्कि देशभर में राज्य की सकारात्मक पहचान बनी। महिला सशक्तिकरण, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, कृषि सुधार और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में इनके नवाचारों ने स्थायी बदलाव की नींव रखी। इन पहलों को जहां राज्य के भीतर सराहा गया, वहीं देश के अन्य राज्यों ने भी इन्हें अपनाकर अपने यहां लागू किया। इन अधिकारियों को राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया। 

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आईएएस प्रवीण सिंह अढायच, प्रियंका दास और कर्मवीर शर्माऔर

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग में प्रमुख सचिव पी. नरहरि ने 2006 में महिला एवं बाल विकास विभाग में रहते हुए लाड़ली लक्ष्मी योजना की रूपरेखा तैयार की थी। यह योजना आज न केवल मध्यप्रदेश में सफल है, बल्कि महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली सहित कई राज्यों ने इसे अपनाया है। वर्तमान में उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण विभाग में आयुक्त, प्रीति मैथिल को रीवा कलेक्टर रहते लिंगानुपात सुधारने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। कृषि संचालक के रूप में उन्होंने फसल बीमा योजना में रिमोट सेंसिंग तकनीक लागू की, जो अब राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कर चुकी है। मिलेट्स को प्रोत्साहित करने के लिए किए गए कार्यों के लिए उन्हें आईसीएमआर द्वारा सम्मानित किया गया।

केंद्रीय मंत्री के निज सचिव प्रवीण अढायच को दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। जल जीवन मिशन के तहत बुरहानपुर को हर घर नल सुविधा वाला पहला जिला बनाने पर उन्हें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों से सम्मान मिला। वर्तमान में मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री प्रशासन अकादमी में कार्यरत प्रियंका दास ने भोपाल में नगर निगम आयुक्त रहते हुए भानपुर खंती को वैज्ञानिक ढंग से बंद करवाया और पुनर्विकास कराया। “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान में उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। वर्तमान में खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग में आयुक्त कर्मवीर शर्मा को डिंडोरी और रीवा में बेहतर प्रशासनिक काम के लिए कई राष्ट्रीय पुरस्कार मिले।

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