डीआर न्यूज इंडिया डाॅट काॅम /सीहोर मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के शाहगंज क्षेत्र स्थित बुधनी में शुक्रवार को एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ। सेंट फ्रांसिस स्कूल की बस, जो बच्चों को स्कूल से घर छोड़ने जा रही थी, तेज रफ्तार में डिवाइडर से टकरा गई। इस हादसे में बस में सवार करीब 20 बच्चे घायल हो गए, जिनमें से 3 बच्चों की हालत गंभीर बताई गई है।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल में प्राथमिक उपचार के लिए भेजा गया। कुछ अभिभावक बच्चों को अपने स्तर पर अलग-अलग अस्पतालों में लेकर पहुंचे। हादसे के वक्त बस में न तो स्कूल की ओर से कोई जिम्मेदार स्टाफ मौजूद था, और न ही सुरक्षा का कोई प्रबंध दिखा।
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि बस क्षमता से अधिक बच्चों से भरी हुई थी। बस में बैठने की संख्या से कई अधिक बच्चे थे, जिससे वाहन पर नियंत्रण बनाए रखना मुश्किल हो गया। यह भी सामने आया है कि बस तेज गति में थी और मोड़ पर ड्राइवर का संतुलन बिगड़ गया, जिससे वाहन सीधा डिवाइडर से टकरा गया।सीहोर जिले के शाहगंज क्षेत्र में सेंट फ्रांसिस स्कूल की बस शुक्रवार को सड़क के डिवाइडर से टकरा गई। हादसे के समय बस बच्चों को स्कूल से घर छोड़ने के लिए ले जा रही थी। इस दर्दनाक टक्कर में लगभग 20 बच्चे घायल हो गए, जिनमें से 3 की हालत गंभीर बताई गई है।
कैसे हुआ हादसा
- बस में क्षमता से अधिक बच्चे सवार थे, यानी यह ओवरलोडेड थी।
- साथ ही, बस में स्कूल की ओर से कोई जिम्मेदार स्टाफ मौजूद नहीं था।
- बस तेज रफ्तार में थी और डिवाइडर से भिड़ने के बाद अनियंत्रित हो गई।
इलाज और राहत कार्य
- घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची।
- सभी घायलों को स्थानीय अस्पतालों में प्राथमिक उपचार के लिए भेजा गया।
- कई बच्चों को उनके अभिभावक अपने स्तर पर अलग-अलग निजी अस्पतालों में लेकर गए।
- गंभीर रूप से घायल 3 बच्चों को सीहोर जिला अस्पताल रेफर किया गया है।
स्थानीय लोग क्या कह रहे हैं
स्थानीय निवासियों का कहना है कि बुधनी क्षेत्र में स्कूल बसों की लापरवाही कोई नई बात नहीं है। अधिकतर बसें ओवरलोड चलती हैं और अक्सर ड्राइवर अनुभवी या प्रशिक्षित नहीं होते।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
एसडीओपी रवि शर्मा ने कहा:
“सभी घायल बच्चों को प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। हादसे की विस्तृत जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने पर ड्राइवर और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
क्या कहती है यह घटना
यह हादसा सिर्फ एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था, स्कूल प्रबंधन और परिवहन सुरक्षा की बड़ी चूक है।
- ओवरलोड बसें
- बिना अटेंडेंट के बच्चों की यात्रा
- ड्राइवर की लापरवाही
हर एक बिंदु, बच्चों की सुरक्षा से समझौता करता है। यदि समय रहते कार्रवाई न की गई, तो ऐसा हादसा फिर हो सकता है।
मांग और सुझाव
- सभी स्कूल बसों की फिटनेस और सुरक्षा जांच अनिवार्य हो।
- हर बस में प्रशिक्षित अटेंडेंट या स्टाफ की उपस्थिति अनिवार्य की जाए।
- सीसीटीवी व GPS निगरानी से बसों पर नियंत्रण रखा जाए।
- दोषियों को उदाहरण स्वरूप सजा मिले, ताकि भविष्य में कोई स्कूल बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ न करे।




