लसूड़िया और विशनखेड़ा के बच्चों का 3 KM रोज़ का संघर्ष: स्कूल पहुंचने की जद्दोजहद में खतरे से खेलते हैं छात्र

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शनखेड़ा से मुस्कुरा तक सड़क जर्जर, ग्रामीणों की बार-बार शिकायत के बावजूद नहीं हुई मरम्मत

सीहोर
सीहोर जिले के लसूड़िया धाकड़ और विशनखेड़ा गांव के छात्र-छात्राएं हर दिन 3 किलोमीटर लंबा, खराब और जोखिम भरा रास्ता तय कर ग्राम मुस्कुरा स्थित स्कूल पहुंचते हैं। यह सड़क शनखेड़ा से मुस्कुरा तक जाती है, जिसकी हालत बेहद जर्जर और खस्ताहाल है।


🛣️ सड़क की हालत इतनी खराब कि चलना भी मुश्किल

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मार्ग वर्षों से मरम्मत की बाट जोह रहा है। बरसात के दिनों में कीचड़ और पानी भरने के कारण यह रास्ता नाले जैसा नजर आता है। स्कूली बच्चों को न केवल पैदल चलने में दिक्कत होती है, बल्कि साइकिल चलाना भी असंभव हो जाता है, जिससे वे फिसलने या गिरने का जोखिम उठाकर स्कूल जाते हैं।


📢 कई बार शिकायतें हुईं, पर कार्रवाई नहीं

ग्रामीणों ने बताया कि कई बार जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन को शिकायतें दी गईं, लेकिन आज तक कोई ठोस पहल नहीं की गई।

“बच्चों की पढ़ाई पहले ही महामारी और संसाधनों की कमी से बाधित हुई है, अब यह टूटी सड़क उनकी सुरक्षा और शिक्षा दोनों पर सवाल खड़ा कर रही है,”
ऐसा कहना है ग्राम विशनखेड़ा के एक अभिभावक का।


पढ़ाई में आ रही बाधा

जिन गांवों से बच्चे मुस्कुरा स्कूल जाते हैं, वहां 8वीं तक ही स्कूल उपलब्ध है। इसके आगे की पढ़ाई के लिए उन्हें मुस्कुरा जाना जरूरी है। लेकिन इस दैनिक संघर्ष की वजह से कई बच्चे नियमित स्कूल नहीं जा पा रहे, जिससे उनकी शिक्षा पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।


📍 ग्रामीणों की मांग

ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द इस सड़क की मरम्मत या नव निर्माण की मांग की है ताकि—

  • बच्चों को सुरक्षित रास्ता मिल सके
  • पढ़ाई में बाधा न आए
  • बरसात में दुर्घटनाओं का खतरा कम हो

🤝 प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल

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