भोपाल / आईसीआई बैंक के रिकवरी एजेंट को 8 हजार रुपए की रिश्वत लेते भोपाल लोकायुक्त पुलिस ने रंगेहाथ ट्रैप किया है। 12 दफ्तर स्थित तहसीलदार दफ्तर के बाहर रिश्वत की यह रकम सैलरी अकाउंट पर बैंक की ओर से लगे होल्ड को हटवाने के लिए मांगी जा रही थी। बैंक से लिए गए 10 लाख रुपए के लोन की कुछ किस्तें फरियादी नहीं चुका पाया था, जिसके बाद बैंक ने उसका सैलरी अकाउंट होल्ड कर दिया था। अहम बात ये है कि आरोपी बैंक का रिकवरी एजेंट है, लेकिन उसके पास वसूली प्रकरण से जुड़े वे दस्तावेज भी टीम को मिले हैं, जो तहसीलदार कोर्ट में होने चाहिए थे।
एसपी लोकायुक्त दुर्गेश राठौर ने बताया कि उदयपुरा, रायसेन निवासी 58 वर्षीय अमर सिंह राजपूत ने कुछ समय पहले आईसीआईसीआई बैंक से 10 लाख रुपए का पर्सनल लोन लिया था। उन्होंने शिकायत की थी कि पारिवारिक
एजेंट के पास से मिलीं सरकारी फाइलें
लोकायुक्त पुलिस ने साजिद के पास से अमर के प्रकरण से जुड़े वे दस्तावेज भी जब्त किए हैं, जो तहसीलदार दफ्तर में होने चाहिए थे। सूत्रों का कहना है कि उसके पास ऐसे और भी प्रकरणों से जुड़े दस्तावेज थे। लोकायुक्त पुलिस अब ये भी पता लगा रही है कि साजिद का दखल इतना कैसे हो गया कि उसके पास सरकारी दस्तावेज भी मौजूद थे?
कारणों से वह लोन की 11-12 किस्तें नहीं चुका पाए थे। इसके बाद बैंक ने वसूली की कार्रवाई करते हुए उनके सैलरी अकाउंट होल्ड कर दिया। साथ ही वसूली व कुर्की का प्रकरण टीटी नगर तहसीलदार के 12 दफ्तर स्थित कार्यालय में लगा दिया था। यहां मौजूद बैंक का रिकवरी एजेंट साजिद अहमद खाते पर लगा होल्ड हटवाने के लिए 8 हजार रुपए मांगने लगा। शिकायत की तकनीकी जांच के बाद एसपी ने इंस्पेक्टर रजनी तिवारी को टीम के साथ ट्रैप के लिए भेजा। पहले से तय योजना के अनुसार जैसे ही अमर ने साजिद को रिश्वत की रकम थमाई, वहां मौजूद टीम ने उसे ट्रैप कर लिया। उसने यह रकम लेकर अपने दाहिने हाथ में रखी थी, इसलिए केमिकल लगाते ही हाथ लाल हो गया।