भोपाल / देश में कोरोना के मरीज फिर बढ़ने लगे हैं। दिल्ली से लेकर केरल तक 314 मरीज सामने आ चुके हैं। मध्यप्रदेश के इंदौर में भी 2 एक्टिव केस है। बीते एक सप्ताह में सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में कोरोना जैसे लक्षणों वाले मरीजों की संख्या 15 फीसदी तक बढ़ गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना का जेएन-1 वैरिएंट है, जो तेजी से फैल रहा है। लोगों को खुद को सुरक्षित रखने के लिए कोरोना से बचाव की आदतों को फिर अपनाने की जरूरत है।
केंद्रीय मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड वेलफेयर का कोविड-19 डैश बोर्ड आखरी बार 19 मई 2025 की सुबह 8 बजे अपडेट किया गया था। तब तक के आंकड़ों के अनुसार देश में 257 कोरोना के एक्टिव मामले है। इंदौर में कोरोना के दो पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं। सीएमएचओ डॉ. बीएस सेत्या का कहना है कि दोनों की हालत अच्छी है। दोनों घर पर ही आइसोलेट हैं। उनके फिर से सैंपल
लेकर जांच के लिए भेजे जाएंगे। इनके संपर्क में आए लोगों की भी कांटेक्ट हिस्ट्री निकली जा रही है। इस साल जनवरी से लेकर अब तक कोरोना के पांच मरीज मिले हैं। इनमें
से एक महिला की मौत हुई है जिसका कारण उसे किडनी और दूसरी बीमारियां थीं। इंदौर में कोरोना को लेकर पैनिक जैसी स्थिति बिल्कुल नहीं है।
ग्वालियर में कोविड को लेकर सीएमएचओ डॉ. सचिन श्रीवास्तव का कहना है कि दो दिन पहले ही सभी ऑक्सीजन प्लांट चेक किए हैं। लगातार हर सप्ताह ऑक्सीजन प्लांट चेक किए जा रहे हैं। बीच-बीच में मॉकड्रिल भी की जाती है। अभी कोई गाइड लाइन नहीं आई है, लेकिन सोमवार तक हम एक वार्ड भी कोविड पीड़ित के लिए रिजर्व करने जा रहे हैं। फिलहाल ग्वालियर में सामान्य स्थिति है।
कोविड को लेकर जबलपुर में अलर्ट किया गया है। ज्वाइन डायरेक्टर हेल्थ डॉ. संजय मिश्रा का कहना है कि सरकारी अस्पतालों सहित निजी अस्पतालों को भी तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। जबलपुर जिला अस्पताल सहित मेडिकल और सिहोरा सिविल अस्पताल में स्थापित किए गए ऑक्सीजन प्लांट को हाल ही में चेक किया गया था, सब कुछ ठीक है। डॉ संजय मिश्रा का कहना है कि अभी तक राज्य सरकार की तरफ से किसी तरह की गाइडलाइन नहीं आई है, इसके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग ने कोविड से लड़ने की पूरी तैयारी कर रखी है।
राजधानी के रीजनल रेस्पिरेशन डिजीज इंस्टीट्यूट और जेपी अस्पताल की ओपीडी में आने वाले 15 फीसदी मरीजों में कोरोना जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं। रीजनल रेस्पिरेशन डिजीज इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. पराग शर्मा बताते हैं कि इन मरीजों में बुखार, गंध-स्वाद का चले जाना, बदन दर्द, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। यह लक्षण 2020 की कोविड लहर की याद दिलाते हैं। हालांकि, बीमारी 7 से 10 दिन में ठीक भी हो रही है। कुछ मरीजों को जरूर भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है।
इंदौर में दो कोरोना पाॅजिटिव
कोरोना वायरस के जेएन-1 वैरिएंट फैलने के बीच इंदौर में भी दो लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया और भोपाल के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया है। हालांकि जिले के सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि भोपाल में घबराने की कोई बात नहीं है यहां ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। इस संबंध में प्रशासन के माध्यम से कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। फिर भी जिले में कोरोना से निपटने के लिए सभी अस्पताल पूरी तरह तैयार हैं। जेपी जिला अस्पताल में कोरोना या संक्रामक रोगों की जांच के लिए बनाए गए लू क्लीनिक को पूरी तरह से खाली कर दिया गया है। अब इसका इस्तेमाल पार्किंग एरिया के तौर पर किया जा रहा है।