इंदौर / में अब हर घर का जीपीएस आधारित यूनीक डिजिटल पता होगा। घरों के बाहर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे। स्कैन करते ही मोबाइल पर प्रॉपर्टी की सभी जानकारी मिल जाएगी। लोग इससे पानी और प्रॉपर्टी का टैक्स भी भर सकेंगे।
रविवार को महापौर पुष्य मित्र भार्गव ने वार्ड 82 (जोन-14) सुदामा नगर से पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की। साहित्यकार सदाशिव कौतुक के घर में ये डिजिटल प्लेट लगाई गई। यह प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के DigiPIN प्लेटफॉर्म से जुड़ा है। इंदौर इसे अपनाने वाला देश का पहला शहर बनने जा रहा है।
मेयर बोले- पूरे शहर में होगा लागू

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि क्लीन सिटी अब डिजिटल सिटी होगी। इंदौर के हर घर की अपनी एक डीपी होगी, जैसे हम सोशल मीडिया पर डीपी लगाते है वैसे ही ये डिजिटल प्रोफाइलिंग का काम हर घर को एक यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर देने का काम और उस डिजिटल पते के क्यूआर कोड स्कैनर से नगर निगम की सारी सुविधाएं मिलेंगी।
साथ ही अधिकारियों के नाम-नंबर, टैक्स की जानकारी, टैक्स भरने की सुविधा ये सब स्क्रीन और क्यूआर कोड स्कैनर पर उपलब्ध रहेगी। रहवासियों को कही जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ये पायलट प्रोजेक्ट वार्ड 82 में कर रहे है ये पूरा होगा इसके बाद पूरे शहर में लागू करेंगे।
दूसरे वार्डाें में भी शुरू किया जाएगा
नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत हर घर के बाहर एक डिजिटल प्लेट लगाई जाएगी। इसमें GPS आधारित यूनिक डिजिटल पता (Digital Address Code – DAC), स्वच्छता रेटिंग, नागरिक सेवाओं से संबंधित जानकारी एवं QR कोड शामिल होगा। यह एक ऐतिहासिक पहल है जो नगर सेवाओं को पारदर्शी, सुलभ और तकनीक-सक्षम बनाएगी। इसमें भवन स्वामी की जानकारी पूरी तरह सुरक्षित रहेगी। आने वाले समय में दूसरे वार्डों में भी इसे शुरू किया जाएगा।