हेल्थ में पैसा भरपूर फिर भी कोरोना से निपटने में पीछे

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डीआर न्यूज इंडिया डॉट कॉम भोपाल/ काॅम भोपाल मौसम जितनी तेजी से करवट ले रहा है, उतनी ही तेजी से कोरोना भी अपने पैर पसार रहा है। भारत में कोविड एक बार फिर सक्रिय हो गया है। पूरे देश से कोरोना के नए मरीजों की संख्या में हर दिन वृद्धि हो रही है। हालांकि, कोरोना का ये नया वैरिएंट उतना अधिक खतरनाक और अधिक जानलेवा नहीं है। प्रदेश में कोरोना के 145 केस सामने आ चुके है। इनमें सबसे ज्यादा इंदौर के हैं। वर्तमान में एक्टिव केसों की संख्या 61 हैं। स्वास्थ्य महकमा इससे निपटने की तैयारियों का दावा कर रहा है लेकिन जमीनी हकीकत सरकार के दावे के ठीक उलट है। कोरोना से निपटने की सरकार की तैयारियों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अस्पतालों में फेस शील्ड और एन-95 मास्क नहीं हैं। पीपीई किट और सैनिटाइजर की भी जिलों में कमी भी 30 जिलों में है। सूत्रों के मुताबिक कोरोना की जांच के लिए भोपाल में 5000 आरटीपीसीआर किट हैं, लेकिन अस्पतालों तक नहीं पहुंची हैं। हाल ही में प्रदेश के सभी जिलों में 50,100 आरटी-पीसीआर किट भेजी गई है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर को 5-5 हजार, उज्जैन-रीवा-सागर को 2500-2500, बाकी को 250 से 1000 किट मिलीं। लेकिन यह आपूर्ति जरूरत के मुकाबले ऊंट के मुंह में जीरा जैसी है। इसके अलावा 40 से ज्यादा जिलों में एन-95 मास्क, फेस शील्ड, पीपीई किट, हैंड सैनिटाइजर, आरटी- पीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट किट जैसी बुनियादी चीजों का स्टॉक शून्य है। कई जिलों में पैरासिटामॉल और एजिथ्रोमाइसिन जैसी आम दवाएं भी खत्म हो चुकी हैं।
रिपोर्ट में 43 जिलों की स्थिति बेहतर नहीं
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, आगर से विदिशा तक 43 जिलों में फेस शील्ड और एन-95 मास्क नहीं हैं। पीपीई किट और सैनिटाइजर की कमी भी 30 जिलों में है। वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम 40 जिलों में खत्म है। आरटी-पीसीआर किट सिर्फ एक जिले में हैं और रैपिड एंटीजन टेस्ट किट किसी भी जिले में नहीं बची। आगर, अलीराजपुर, अनूपपुर, अशोकनगर, बालाघाट, भिंड, भोपाल, छतरपुर, छिंदवाड़ा, दमोह, देवास, धार, डिंडोरी, ग्वालियर, हरदा, इंदौर, झाबुआ, कटनी, खंडवा, खरगोन, मंडला, मंदसौर, मुरैना, नरसिंहपुर, नीमच, पन्ना, रायसेन, राजगढ़, रतलाम, रीवा, सागर, सतना, सिवनी, शहडोल, शाजापुर, श्योपुर, शिवपुरी, सिंगरौली, टीकमगढ़, उज्जैन, उमरिया और विदिशा में फेस शील्ड और एन-95 मास्क नहीं हैं।
भोपाल के अस्पतालों में आरटीपीसीआर किट तक नहीं
कई जिलों में डिस्पोजेबल ग्लव्स, सर्जिकल मास्क, सिरिंज और सैनिटाइजर तक उपलब्ध नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इन सभी जरूरी चीजों के लिए न्यूनतम स्टॉक तय किया है। लेकिन कई जिलों में यह स्टॉक शून्य है। कुछ जिलों में दवाएं और मास्क भी तय मात्रा से काफी कम हैं। राजधानी भोपाल के ही कई सरकारी अस्पतालों में आरटीपीसीआर जांच किट नहीं है हालांकि सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा का ने दावा किया है कि फिलहाल स्थिति सामान्य है, कोई नई गाइड लाइन भी जारी नहीं की गई है।

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