भोपाल / आयुष्मान भारत योजना के तहत अब लाभार्थियों के लिए एक और महत्वपूर्ण सुविधा मिलने जा रही है। योजना के तहत आयुष्मान इंपैनल्ड अस्पताल आप के आसपास कहां उपलब्ध हैं, किस इलाज के लिए अधिकृत है, वहां तक पहुंचने का नेविगेशन भी चैट बॉट के जरिए मिलेगा। दरअसल, 1 जून से चैट बॉट आम जनता के लिए शुरू हो जाएगा। इसे आप वाट्सएप की तरह ही उपयोग कर सकेंगे। जिससे लाभार्थी आसानी से अपने इलाज की जानकारी
प्राप्त कर सकेंगे और अपनी उपलब्ध लिमिट की जांच भी कर पाएंगे। आयुष्मान योजना के मुख्य
कार्यपालन अधिकारी डॉ. योगेश भरसट ने बताया कि इस चैट बॉट का उद्देश्य योजना के लाभार्थियों को अस्पतालों में जाने से पहले ही सही मार्गदर्शन प्रदान करना है। इसके माध्यम से लाभार्थी न केवल आयुष्मान अस्पतालों तक पहुंचने का सही रास्ता जान सकेंगे, बल्कि यह चैट बॉट उन्हें उनके आयुष्मान कार्ड के तहत बची हुई राशि और अब तक हुए इलाज का विवरण भी देख सकेंगे। आस्क आयुष्मान नामक यह एआई इनेबल्ड चैटबॉट की 24 घंटे सातों दिन उपलब्ध रहेगा।
अस्पतालों का पता लगा सकेंगे
बता दें कि मध्य प्रदेश आयुष्मान भारत यह नवाचार करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इस चैटबॉट के माध्यम से लाभार्थी योजना से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकेंगे, जैसे योजना के बेनेफिट्स, फीचर्स, ई-कार्ड बनाने की प्रक्रिया और करीबी अस्पतालों का भी पता लगा सकेंगे।
कैसे काम करेगा चैटबॉट और वॉलेट ?
चैटबॉट के जरिए लाभार्थी जान सकेंगे कि उन्हें किस अस्पताल में जाना है। इसके साथ ही डिजिटल वॉलेट के माध्यम से वे यह भी देख सकेंगे कि उन्होंने अब तक कितने रुपये का इलाज कराया है और कितनी राशि अभी भी उपलब्ध है। यह दोनों सेवाएं आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए मोबाइल और कंप्यूटर पर उपलब्ध होंगी, जिससे वे अपने इलाज की स्थिति का ट्रैक रियल-टाइम में कर सकेंगे।
ऐसे कर सकते हैं उपयोग
- जून से प्ले स्टोर पर चैटबॉट श्आस्क आयुष्मानश् उपलब्ध होगा जिसे डाउनलोड करना होगा।
- आयुष्मान नंबर डालकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। 3. प्रक्रिया पूरी करने के बाद आपकी प्रोफाइल दिखेगी। 4. इसमें आपका नाम, उम्र, आभा नंबर भी दिखेगा 5. इसमें मरीज कहीं भी अपने नजदीकी इंपेनल्ड अस्पताल भी देख सकेंगे।
इससे इलाज के खर्च में गड़बड़ी नहीं हो सकेगी
डिजिटल वॉलेट और चैट बॉट की यह नई पहल आयुष्मान योजना में पारदर्शिता लाने और लीकेज को रोकने में महत्वपूर्ण साबित होगी। इससे लाभार्थियों को उनके हक का पूरा लाभ मिलेगा और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना भी कम हो जाएगी। सरकार को भी इस प्रणाली के माध्यम से योजना के खर्च पर नजर रखने में सहूलियत होगी।
-डॉ. योगेश भरसट, सीईओ, आयुष्मान भारत योजना मप्र