डीआर न्यूज इंडिणया
भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) को अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाओं से लैस स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षण संस्थान (पीजीआइ) बनाया जाएगा। प्रबंधन ने अब संस्थान की सभी छोटी इकाइयों को अत्याधुनिक चिकित्सा केन्द्र के रूप में विकसित करने का विचार छोड़ दिया है। 10 वर्ष पहले बीएमएचआरसी के तत्कालीन निदेशक मनोज पाण्डे ने संस्थान के पांच मिनी इकाइयों की आधुनिकीकरण करने का प्रस्ताव आईसीएमआर को भेजा था।मिनी यूनिटों को आधुनिक चिकित्सा केन्द्र के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव पुराना है। अब हमारा पूरा ध्यान बीएमएचआरसी के आधुनिकीकरण पर केन्द्रित करते हुए इसे पीजीआई बनाने की तैयारी हैं, ताकि लोगों को अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाएं मिल सके।
डॉ. मनीष श्रीवास्तव, प्रभारी निदेशक, बीएमएचआरसी
स्टेशन बजारियारू बुजुर्गों के उपचार के लिए जैरियाटिक सेंटर के रूप में विकसित करना था। जहां अल्जाइमर और डिप्रेशन का भी इलाज होता।
चांदबड़रू स्त्री रोग केंद्र के रूप में विकसित किया जाना था, जिसमें सोनोग्राफी, ओपीडी, रूटीन चेकअप सहित अन्य संबंधित सुविधाओं की व्यवस्था की जानी थी।
टीला जमालपुरारू इसे हार्ट चिकित्सा केन्द्र के रूप में विकसित करना था और यहां हार्ट की जांच संबंधित सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना थी।
गिन्नौरीरू इसे नेत्र केन्द्र के रूप में विकसित करना था। इसमें मोतियाबीन सहित आंख की अन्य बीमारियों के उपचार और छोटे-मोटे सर्जरी की व्यवस्था करने की योजना थी।
भोपाल टॉकीजरू इसे मेडीसिन विभाग केन्द्र के रुप में विकसित करना था और इसे संबंधित चिकित्सा के अत्याधुनिक सेवाओं से लैस करना था।
अभी यह हाल फिलहाल, बीएमएचआरसी 350 बेड वाला सुपर स्पेशलिटी अस्पताल है, जो आठ छोटी इकाइयों से जुड़ी हुई है। ये आठों इकाइयां भोपाल शहर भर में फैली हैं, संस्थान की छोटी इकाइयों में भोपाल गैस पीड़ितों के स्मार्ट कार्ड बनाना शुरू किया गया।