41 साल बाद कोई भारतीय एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष में गया

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अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और भारतीय एजेंसी इसरो के बीच हुए एग्रीमेंट के तहत भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को इस मिशन के लिए चुना गया है। 41 साल पहले भारत के राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष यात्रा की थी।

शुभांशु का ये अनुभव भारत के गगनयान मिशन में काम आएगा। ये भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है, जिसका उद्देश्य भारतीय गगनयात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और सुरक्षित रूप से वापस लाना है। इसके 2027 में लॉन्च होने की संभावना है। भारत में एस्ट्रोनॉट को गगनयात्री कहा जाता है। इसी तरह रूस में कॉस्मोनॉट और चीन में ताइकोनॉट कहते हैं।

स्पेस स्टेशन पर शुभांशु शुक्ला को 634 नंबर का बैज दिया गया है।
स्पेस स्टेशन पर शुभांशु शुक्ला को 634 नंबर का बैज दिया गया है।

शुभांशु शुक्ला एक्सियम-4 मिशन का हिस्सा हैं, जिसकी एक सीट के लिए भारत ने 548 करोड़ रुपए चुकाए हैं। यह एक प्राइवेट स्पेस फ्लाइट मिशन है, जो अमेरिकी स्पेस कंपनी एक्सियम, NASA और स्पेसएक्स की साझेदारी से हो रहा है। यह कंपनी अपने स्पेसक्राफ्ट में निजी अंतरिक्ष यात्रियों को ISS भेजती है।

शुभांशु ISS में इंडियन एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स​​ के 7 प्रयोग करेंगे। इनमें ज्यादातर बायोलॉजिकल स्टडीज हैं। वे NASA के साथ 5 अन्य प्रयोग करेंगे, जिसमें लंबे अंतरिक्ष मिशन के लिए डेटा जुटाएंगे। इस मिशन में किए गए प्रयोग भारत के गगनयान मिशन को मजबूत करेंगे।

केंद्र सरकार ने X पर लिखा- शुभांशु ने अंतरिक्ष में सितारों के बीच भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
केंद्र सरकार ने X पर लिखा- शुभांशु ने अंतरिक्ष में सितारों के बीच भारत का प्रतिनिधित्व किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने 28 जून को शुभांशु से से वीडियो कॉल पर बातचीत की। उन्होंने पूछा कि अंतरिक्ष को देखकर उन्हें सबसे पहले क्या महसूस हुआ, तो ग्रुप कैप्‍टन शुक्ला ने कहा, ‘अंतरिक्ष से, आपको कोई सीमा नहीं दिखती। पूरी पृथ्वी एकजुट दिखती है।’

शुभांशु ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा- अंतरिक्ष से भारत बहुत भव्य दिखता है। हम दिन में 16 सूर्योदय और 16 सूर्यास्त देखते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने शुभांशु शुक्ला से पूछा कि आप गाजर का हलवा लेकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गए हैं। क्या आपने अपने साथियों को खिलाया। इस पर शुभांशु ने कहा कि हां साथियों के साथ बैठकर खाया।

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