एशियन वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता, 65 वर्षीय मोहन पाराशर बने गोल्ड मेडलिस्ट, कतर में बजाया भारत का डंका
सीहोर। उम्र सिर्फ एक संख्या है… यह कहावत ग्राम बिलकिसगंज के मोहन पाराशर ने सच कर दिखाया है। 65 वर्ष की आयु में जब अधिकतर लोग अपने शरीर की सीमाओं को स्वीकार कर बैठते हैं, तब 65 वर्षीय मोहन पाराशर ने अपने अटूट संकल्प, अनुशासन और आत्मबल से न सिर्फ जीवन को चुनौती दी, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल जगत में अपने शहर, राज्य और देश का नाम भी रोशन किया। उन्होंने यह शानदार प्रदर्शन फर्स्ट एशियन मास्टर्स वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप जो कतार के दोहा में 28 से 31 में आयोजित की जा रही है उसमें भारत के मोहन पाराशर ने 89 किलोग्राम भार वर्ग में 138 किलो वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता है। आज भी इस उम्र में युवाओं की तरह प्रदर्शन करने वाले श्री पाराशर क्षेत्र में अपनी पहचान स्थापित कर चुके है। शुक्रवार को उनके लौटने पर ग्राम बिलकिसगंज में जोरदार स्वागत किया जाएगा। इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पांच स्वर्ण पदक हासिल कर चुके है। खास बात यह है कि प्रतियोगिता के पहले ही दिन यह स्वर्ण पदक जीतने या भारत को स्वर्ण पदक दिलाने में सफलता अर्जित की।
वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया
उनकी मेहनत और जज्बे का परिणाम यह रहा कि उन्होंने विभिन्न स्तरों पर आयोजित वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिताओं मात्र 13 साल की आयु में भाग लेना शुरू किया। राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं से शुरू होकर वे धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंच गईं। अब तक वे 100 से अधिक गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। इन पुरस्कारों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं शामिल हैं।
एशिया के 15 देश इस प्रतियोगिता में शामिल हुए थे 15 देश के वेट लिफ्टिर
फर्स्ट एशियन मास्टर्स वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप जो कतार के दोहा में आयोजित प्रतियोगिता में भारत के अलावा चायना, पाकिस्तान, जापान, ईरान, इराक, इंडोनेशिया, बंगलादेश, नेपाल आदि के वेट लिफ्टिर इस प्रतियोगिता में शामिल हुए थे, लेकिन प्रतियोगिता के पहले ही दिन 65 से 69 आयु वर्ग में 138 किलोग्राम वजन उठाकर उन्होंने यह स्वर्ण पदक हासिल किया है। उनके शुक्रवार को लौटने पर क्षेत्रवासियों के द्वारा स्वागत और सम्मान किया जाएगा।