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भोपाल/प्रधानमंत्री एक्सीलेंस दर्जा प्राप्त हमीदिया कॉलेज का जर्जर गलियारा सोमवार को ढह गया। गनीमत रही कि जिस समय हादसा हुआ, उस रास्ते पर कोई मौजूद नहीं था। प्राचार्य अनिल सेवानी का कहना है कि घटना से ठीक 10 मिनट पहले वे इसी गलियारे से होकर गुजरे थे।
मुख्य बिंदु
- कॉलेज भवन का जर्जर हिस्सा गिरा, किसी के घायल होने की खबर नहीं।
- प्राचार्य ने कहा— हादसे से कुछ देर पहले ही वह वहां से गुजरे थे।
- मरम्मत के लिए बार-बार पत्र लिखे गए, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
- सात साल पहले C-ब्लॉक तालाब में समा गया था, वादों के बाद भी नया निर्माण नहीं।
- अब प्रभावित हिस्से की ऊपरी मंजिल पर कक्षाएं बंद रहेंगी।
हादसे का विवरण
कॉलेज प्रशासन के मुताबिक, लंबे समय से इमारत की मरम्मत की मांग की जा रही थी। सोमवार को पुराना गलियारा टूटकर तालाब में गिर गया। सौभाग्य से उस समय कोई छात्र या स्टाफ सदस्य वहां मौजूद नहीं था। प्राचार्य सेवानी ने कहा, “मैं 10 मिनट पहले ही उस गलियारे से निकला था।”
जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष देवेंद्र रावत ने बताया कि सात साल पहले कॉलेज का C-ब्लॉक भी गिर चुका था। उस समय नए भवन के वादे किए गए थे, लेकिन अब तक कागज़ों तक ही सीमित हैं।
पढ़ाई पर असर
कॉलेज में पहले सिर्फ आर्ट्स और कॉमर्स की कक्षाएं होती थीं। बाद में साइंस कोर्स शुरू होने से जगह की कमी हो गई। अब हादसे के बाद ऊपरी मंज़िल की पाँच क्लासें बंद हो जाएंगी। ग्राउंड फ्लोर पर मौजूद अकाउंट्स विभाग, कंप्यूटर लैब और प्रिंसिपल ऑफिस तो सुरक्षित हैं, लेकिन मुख्य रास्ता टूट जाने से आवाजाही प्रभावित हुई है।
आगे की मांग
कॉलेज प्रबंधन और छात्र संगठन ने नगर निगम व जिम्मेदार विभागों से तुरंत कार्रवाई की अपील की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि मरम्मत और निर्माण का काम जल्द शुरू नहीं हुआ तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।




