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भोपाल, 1 अक्टूबर 2025 / भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) का 25वां महाअधिवेशन 21 से 25 सितम्बर तक चंडीगढ़ में आयोजित हुआ। इस अधिवेशन में पार्टी ने फासीवाद और क्रोनी पूंजीवाद के खिलाफ पूरे देश में एकजुट संघर्ष छेड़ने का आह्वान किया। अधिवेशन में कॉमरेड डी. राजा को पुनः पार्टी का महासचिव निर्वाचित किया गया।
मध्य प्रदेश से दो नेताओं का चयन
भाकपा की 125 सदस्यीय राष्ट्रीय परिषद में मध्य प्रदेश से कॉमरेड शैलेन्द्र शैली और कॉमरेड हरिद्वार सिंह सदस्य चुने गए। वहीं प्रदेश से चार प्रतिनिधि – कॉमरेड अरविन्द श्रीवास्तव, कॉमरेड हरिद्वार सिंह, कॉमरेड संजीव राजपूत और कॉमरेड शैलेन्द्र शैली – चंडीगढ़ अधिवेशन में शामिल हुए।
800 प्रतिनिधियों की भागीदारी
मध्य प्रदेश राज्य सचिव कॉमरेड शैलेन्द्र शैली ने भोपाल स्थित शाकिर सदन में पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि इस महाअधिवेशन में देशभर के 27 राज्यों से लगभग 800 प्रतिनिधि शामिल हुए। प्रतिनिधियों का चुनाव प्रांतीय सम्मेलनों के जरिए हुआ।
राष्ट्रीय नेतृत्व का गठन
अधिवेशन में 29 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी और 125 सदस्यीय राष्ट्रीय परिषद का गठन हुआ। महासचिव डी. राजा के साथ राष्ट्रीय सचिव मंडल में कॉमरेड अमरजीत कौर, बी.के. कांगो, रामकृष्ण पंडा, एनी राजा, गिरीश शर्मा, के. प्रकाश बाबू, सांसद पी. संदोष कुमार, संजय कुमार और पी.वी. रेड्डी शामिल किए गए।

अधिवेशन की झलकियाँ
- पहले दिन एक विशाल और आकर्षक रैली निकाली गई।
- दूसरे दिन भगत सिंह के भतीजे प्रो. जगमोहन ने लाल झंडा और तिरंगा फहराया।
- उद्घाटन सत्र में वामपंथी दलों – भाकपा (माक्र्सवादी), भाकपा (माले) लिबरेशन, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक और आरएसपी – ने एकजुटता का संदेश दिया।
- फिलिस्तीन और क्यूबा के साथ एकजुटता जताने के लिए विशेष सत्र आयोजित हुआ, जिसमें दोनों देशों के राजदूतों ने हिस्सा लिया।

राजनीतिक प्रस्ताव और बहस
अधिवेशन में राजनीतिक प्रस्ताव, सांगठनिक मसौदा और समीक्षा रिपोर्ट पर अलग-अलग सत्रों में गहन चर्चा हुई। मध्य प्रदेश से कॉमरेड अरविन्द श्रीवास्तव ने राजनीतिक प्रस्ताव पर और कॉमरेड शैलेन्द्र शैली ने सांगठनिक मसौदे पर अपनी बात रखी।
सरकार की आलोचना और वैकल्पिक एजेंडा
भाकपा ने मोदी सरकार पर फासीवादी प्रवृत्तियों और जनविरोधी पूंजीवादी नीतियों का आरोप लगाया। अधिवेशन ने जनता को लामबंद कर प्रतिरोध खड़ा करने का संकल्प लिया। पार्टी ने रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और समानता पर आधारित समाजवादी भारत के निर्माण की दिशा में संघर्ष तेज करने की घोषणा की।
प्रमुख प्रस्ताव
अधिवेशन में सर्वसम्मति से कई प्रस्ताव पारित हुए, जिनमें शामिल हैं –
- फिलिस्तीन और क्यूबा के साथ एकजुटता
- प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए राहत उपाय
- जीएसटी सुधार
- सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुविधा
- बिजली और रक्षा क्षेत्र के निजीकरण का विरोध
- मनरेगा का प्रभावी क्रियान्वयन
- भारतीय संघवाद की रक्षा
डी. राजा का बयान
डी. राजा ने कहा –
“यह सरकार भारतीय गणराज्य के आधारों पर हमला कर रही है। संसद को रबर स्टैंप बना दिया गया है, न्यायपालिका को कमजोर किया जा रहा है और मीडिया को प्रचार मशीन में बदल दिया गया है। लेकिन हमारा शताब्दी वर्ष केवल अतीत की याद नहीं, बल्कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने का संकल्प है। हम साहस और एकता के साथ आगे बढ़ेंगे।”
प्रदेश स्तर पर आंदोलन
पत्रकार वार्ता में राज्य कार्यकारिणी सदस्य कॉमरेड प्रहलाद दास बैरागी ने कहा कि प्रदेश में किसानों की दुर्दशा गंभीर है। इस मुद्दे को लेकर आगामी नवंबर माह में भोपाल में बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।




