भावांतर योजना: सोयाबीन पंजीयन 3 — 17 अक्टूबर 2025, विक्रय अवधि 24 अक्टूबर — 15 जनवरी — कलेक्टर ने कहा — “किसान मंडी में ही बेचें”

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सीहोर / मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशानुसार राज्य में किसानों को उनकी उपज का महत्वनीय मूल्य दिलाने के लिये भावांतर योजना पुनः लागू की गयी है। कलेक्टर श्री बालागुरू के. ने जिले के संबंधित अधिकारियों को योजना के प्रभावी एवं व्यवस्थित संचालन के निर्देश दिये हैं। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे निर्धारित समय में ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन कर अपने सोयाबीन की विक्रय प्रक्रिया मंडी के माध्यम से ही सम्पन्न करें तथा बिचौलियों से बचें।

प्रमुख बातें — एक नजर में

  • पंजीयन अवधि (ई-उपार्जन पोर्टल): 03 अक्टूबर 2025 — 17 अक्टूबर 2025
  • भुगतान/विक्रय (भावांतर) अवधि: 24 अक्टूबर 2025 — 15 जनवरी 2026
  • पंजीयन शुल्क: कुछ केन्द्रों पर निशुल्क; कुछ कियोस्क/सीएससी पर अधिकतम ₹50 प्रति पंजीयन।
  • भुगतान मोड: प्राथमिकता से आधार-लिंक बैंक खाते में; वैकल्पिक बैंक खाता पंजीयन के समय दिया जा सकेगा।
  • वेरिफिकेशन: आधार-OTP या बायोमेट्रिक; भू-अभिलेख व आधार नाम का मिलान आवश्यक।

परिचय — क्या है भावांतर योजना?

भावांतर योजना किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सुनिश्चित कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित एक अनुदानित योजना है। यदि मंडी में कृषि समान का दर MSP से कम मिलता है, तो सरकार ‘मंडी मॉडल रेट’ (पिछले दो सप्ताह के औसत विक्रय भाव) और MSP के बीच का अंतर सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर कर देगी। योजना प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के तहत 2018-19 से लागू है और इसका उद्देश्य किसानों की आय सुनिश्चित करना व मंडी दामों में उतार-चढ़ाव से किसानों को बचाना है।

कलेक्टर की अपील और प्रशासनिक तैयारियाँ

कलेक्टर श्री बालागुरू के. ने सभी तहसील, पंचायत तथा मंडी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि पंजीयन केन्द्रों को सक्रिय रखा जाए ताकि किसानों को पंजीयन तथा वेरिफिकेशन में कोई कठिनाई न आये। उन्होंने कहा: “किसानों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए — पंजीयन केन्द्र, सहकारी समितियाँ और ग्राम स्तर पर सूचना व्यवस्था सुनिश्चित करें।”

अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये गए हैं कि जिन किसानों के मोबाइल नंबर उपलब्ध हैं, उन्हें SMS के माध्यम से जानकारी दी जाए; ग्राम पंचायतों पर सूचना पट्ट व मंडी स्तर पर बैनर के माध्यम से पंजीयन की जानकारी प्रदर्शित कराई जाए। साथ ही आधार लिंकिंग केन्द्र और डाकघर के आधार सुविधा केन्द्रों का उपयोग कराकर किसानों को मोबाइल व बायोमेट्रिक अपडेट कराने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है।

पंजीयन कैसे और कहाँ करें — सुविधाएँ

निःशुल्क पंजीयन केन्द्र:

  • ग्राम पंचायत कार्यालय
  • जनपद पंचायत एवं तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्र
  • सहकारी समितियाँ एवं सहकारी विपणन संस्थाएँ
  • एम.पी. किसान ऐप

सशुल्क पंजीयन (अधिकतम ₹50)

  • एम.पी. ऑनलाईन कियोस्क
  • कॉमन सर्विस सेन्टर (CSC)
  • लोक सेवा केन्द्र और निजी साइबर कैफे

आवश्यक दस्तावेज़

  • भूमि संबंधित दस्तावेज (भूमि अभिलेख/खसरा)
  • किसान का आधार कार्ड (आधार-लिंक मोबाइल होना अनिवार्य)
  • बैंक खाता संख्या एवं IFSC कोड
  • पहचान पत्र के अन्य प्रमाण (यदि आवश्यक)

विशेष श्रेणी — सिकमी/बटाईदार/कोटवार/वन पट्टाधारी किसानों के पंजीयन की सुविधा केवल सहकारी समितियों तथा सहकारी विपणन संस्थाओं द्वारा संचालित केन्द्रों पर उपलब्ध रहेगी। इन किसानों के सत्यापन का जिम्मा राजस्व विभाग द्वारा किया जाएगा।

बैंकिंग और भुगतान प्रक्रिया

पंजीयन के समय किसान को अपने आधार-लिंक बैंक खाते की जानकारी देनी अनिवार्य होगी। यदि आधार-लिंक खाते में भुगतान करने में समस्या आती है, तो पंजीयन में दिए गये वैकल्पिक बैंक खाते में भुगतान किया जाएगा। अक्रिय बैंक खाते, संयुक्त खाते तथा वॉलेट/पेटीएम जैसे खातों को पंजीयन में मान्य नहीं माना जायेगा। पंजीयन के दौरान 1 रुपये का सत्यापन ट्रांजेक्शन मध्यप्रदेश राज्य आपूर्ति निगम (एमपीएससी) द्वारा किया जाएगा ताकि खाते का वेरिफिकेशन सुनिश्चित हो सके।

भुगतान प्रणाली के तहत, फसल विक्रय के 15 दिनों के भीतर भावांतर की राशि किसान के आधार-लिंक बैंक खाते में सीधे भेज दी जाएगी।

वेरिफिकेशन का महत्व

पंजीयन तभी मान्य होगा जब पंजीकृत किसान का नाम भू-अभिलेख/खसरे में दर्ज नाम से आधार कार्ड में दर्ज नाम से मेल खाए। यदि नाम में विसंगति पायी जाती है तो पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय द्वारा कराया जाएगा — सत्यापन पूर्ण होने पर ही पंजीयन को मान्य किया जाएगा। वेरिफिकेशन के लिये मोबाइल OTP या बायोमेट्रिक डिवाइस का उपयोग किया जा सकता है।

किसानों के लिये दिशानिर्देश (सूची)

  1. निर्धारित पंजीयन अवधि (03–17 अक्टूबर 2025) में जल्द से जल्द ई-उपार्जन पर पंजीयन करायें।
  2. सोयाबीन की विक्रय केवल मंडी में करें — बिचौलियों को नहीं बेचें।
  3. पंजीयन के समय अपने आधार, बैंक खाते और मोबाइल नंबर को सत्यापित करायें।
  4. सहकारी समिति या पंजीयन केन्द्र पर दस्तावेजों की स्व-प्रतियाँ तैयार रखें।
  5. पंजीयन शुल्क जहाँ लागू है, उसकी अधिकतम सीमा ₹50 है — इससे अधिक शुल्क वसूल करने की अनुमति नहीं।

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