प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा से पहले दिल्ली में होगी स्क्रीनिंग, विवादित नामों पर हाईकमान सख्त

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Drnewsindia.com/भोपाल। मध्यप्रदेश भाजपा में जिलों की कार्यकारिणी की घोषणा के बाद उपजे विवाद से सबक लेते हुए पार्टी अब प्रदेश स्तर पर पूरी सतर्कता बरत रही है। प्रदेश भाजपा की नई कार्यकारिणी घोषित करने से पहले संभावित पदाधिकारियों की दिल्ली में हाईकमान स्तर पर पूरी स्क्रीनिंग की जाएगी, ताकि टीम में कोई भी विवादित नाम शामिल न हो।गौरतलब है कि नए प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल की टीम की घोषणा लंबे समय से टल रही है। पहले नए अध्यक्ष की नियुक्ति में हुई देरी और अब कार्यकारिणी गठन को लेकर इंतजार पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।

सूत्रों के अनुसार, संगठन संतुलन साधने के साथ सूची को अंतिम रूप देना चाहता है। संभावना जताई जा रही है कि दशहरा पर्व के बाद पहले प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा होगी और उसके बाद निगम-मंडल एवं आयोगों में नियुक्तियां की जाएंगी।पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कुछ जिलों की कार्यकारिणी में विवादित नाम शामिल किए जाने के बाद हाईकमान ने प्रदेश नेतृत्व से स्पष्टीकरण मांगा है। बताया जा रहा है कि हेमंत खंडेलवाल से संभावित पदाधिकारियों की सूची दिल्ली भेजने को कहा गया है, जहां प्रत्येक नाम की स्क्रीनिंग होगी। जिन जिलों में विवादित नियुक्तियां हुई हैं, वहां रिपोर्ट मंगाकर ऐसे नाम हटाने की तैयारी है।

दरअसल, पार्टी ने जिलों की कार्यकारिणी के गठन के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए थे, लेकिन कई जगह नेताओं और मंत्रियों के दबाव में सूची तैयार कर दी गई। परिणामस्वरूप कुछ जिलों में ऐसे पदाधिकारी बना दिए गए जो पूर्व में विवादों में रह चुके हैं। उदाहरण के लिए रीवा में एक निष्कासित कार्यकर्ता को उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंप दी गई, जिस पर सरकारी अधिकारी से मारपीट का आरोप है। इसी तरह, एक महिला कार्यकर्ता को भी नियमों से बाहर जाकर पदाधिकारी बना दिया गया।इन विवादों के बाद हाईकमान पूरी तरह चौकन्ना है और संगठन को “फुलप्रूफ” बनाने की कवायद शुरू कर दी है। अब सभी नामों को दिल्ली में जांचने-परखने के बाद ही प्रदेश कार्यकारिणी की अंतिम सूची जारी होगी। पार्टी का लक्ष्य है कि इस बार ऐसी कोई चूक न हो, जिससे संगठन की साख पर सवाल उठे।


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