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भोपाल, 6 अक्टूबर 2025 — कोहेफिजा पुलिस ने हलालपुरा के ओम नगर में रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर आनंद पाराशर के घर से हुई लगभग दो करोड़ रुपए कीमत के गहनों की चोरी का खुलासा कर दिया है। पुलिस ने मामले में मास्टरमाइंड आनंद की भतीजी डॉली पाराशर और उसके सहयोगी गिरफ़्तार किए हैं; दो मुख्य आरोपी अभी फरार बताए जा रहे हैं।
घटना और एफआईआर
यह चोरी की घटना 29 सितंबर 2025 की बताई जा रही है। शिकायत आनंद के पड़ोसी कमल शोभानी ने दर्ज करवाई। वारदात के दिन आनंद का पूरा परिवार ग्वालियर में बेटी की रिंग-सेरेमनी में गया हुआ था — उस मौके का लाभ उठाकर चोरी की गई।
आरोपियों की भूमिका और प्लानिंग
पुलिस के अनुसार, घटना की मास्टरमाइंड डॉली पाराशर थी। डॉली ने अपने बॉयफ्रेंड अंकित तिवारी के साथ मिलकर चोरी की साजिश रची। अंकित ने अपने कॉन्ट्रैक्टर दोस्त रवि विश्वकर्मा को प्लान में शामिल किया। रवि ने अपने साथियों — देवाशीष शर्मा और अजय शाक्य — को वारदात अंजाम देने के लिए लगाया।
जांच में पता चला कि डॉली और अंकित ने पहले से ही आनंद के घर के बारे में जानकारी इकठ्ठी कर ली थी और रिंग-सेरेमनी के दिन परिवार के बाहर रहने का समय भी जान लिया था। आरोपियों ने आपस में सामान बाँट लिया था और कुछ जेवरात फरार आरोपियों के पास ले जाया गया।
पुलिस कार्रवाई — कैसे पता चला
डीसीपी अभिनव चौकसे ने बताया कि एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस ने घटना स्थल और आसपास के PSTN डेटा का विश्लेषण और सीसीटीवी फुटेज की जांच की। संदिग्ध नंबरों की पहचान के बाद रवि विश्वकर्मा को पकड़ लिया गया, जिसके कब्जे से शुरुआती छानबीन में डेढ़ करोड़ रुपए कीमत के जेवरात जब्त हुए।
पुलिस ने बाद में कहा कि गिरफ्तारी के दौरान आरोपियों ने पूरी साजिश और भूमिका का खुलासा कर दिया। रवि के खिलाफ पहले भी मारपीट और चोरी से जुड़े केस दर्ज हैं।
बरामदगी और FIR-डिटेल्स
गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने जिन चीज़ों को जब्त किया है उसमें शामिल हैं:
- लगभग 1,250 ग्राम सोने के जेवरात (क़ीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपए),
- 4 मोबाइल फोन,
- 3 चांदी के सिक्के।
पुलिस के अनुसार, फरार आरोपियों के पास लगभग 50 लाख रुपए के जेवरात और हैं। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि चोरी के तुरंत बाद सभी ने माल के हिस्से बाँट लिए थे और फिर एक-दूसरे से नहीं मिले।
फरार और गिरफ्तार
- गिरफ्तार: डॉली पाराशर, रवि विश्वकर्मा, देवाशीष शर्मा
- फरार: अंकित तिवारी, अजय शाक्य
आरोपी-प्रेरणा
जांच में सामने आया कि डॉली और अंकित शादी का इरादा रखते थे, पर अंकित के पास स्थिर नौकरी नहीं थी। इसलिए डॉली ने चोरी के बाद मिलने वाली रकम से अपने और अंकित के भविष्य की योजना बनाई थी। आरोपियों की मंशा थी कि अगर मामला पकड़ा न गया तो वे शहर छोड़ कर कहीं और बस जाएंगे।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने फरार आरोपियों की तलाश तेज कर दी है और उनसे जुड़ी अन्य कड़ियों की पड़ताल कर रही है। डीसीपी ने कहा है कि प्रॉपर फॉरेंसिक और टेक्निकल जांच (PSTN/सीसीटीवी) से मिली जानकारी के आधार पर मामले के सभी पहलुओं की पड़ताल की जाएगी और जितने भी आरोपी जुड़े हैं उन तक पहुंच बनाई जाएगी।




