घोष की धुन पर कदमताल करते स्वयंसेवकों ने दिया अनुशासन और एकता का संदेश
डीआर न्यूज, श्यामपुर/खाईखेड़ा,चरनाल
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में पूरे देशभर में पथ संचलन के आयोजन किए जा रहे हैं। इसी क्रम में रविवार को श्यामपुर खंड के खाईखेड़ा मंडल द्वारा भव्य पथ संचलन निकाला गया, जिसमें सैकड़ों स्वयंसेवक गणवेश में घोष की धुन पर कदमताल करते हुए अनुशासन का अद्भुत प्रदर्शन करते नजर आए।
पथ संचलन का शुभारंभ माध्यमिक शाला, खाईखेड़ा से किया गया। यह संचलन खाईखेड़ा के मुख्य मार्गों, चौक मोहल्ला, शिव मंदिर, मेन मार्केट, छतरी जोड़ होते हुए पुनः अपने प्रारंभिक स्थल पर पहुंचकर सम्पन्न हुआ। ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा कर स्वयंसेवकों का भव्य स्वागत किया, जिससे पूरा वातावरण राष्ट्रभक्ति के रंग में रंग गया।
मुख्य वक्ता रामवीर कौरव ने रखा संघ का दृष्टिकोण
इस अवसर पर संघ के प्रांत व्यवस्था प्रमुख श्री रामवीर जी कौरव मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने अपने प्रेरक बौद्धिक में कहा —
“हमारा समाज उत्सव प्रधान समाज है, और संघ इन्हीं उत्सवों के माध्यम से समाज में संगठन, अनुशासन और संस्कार का संदेश फैलाता है। विजयदशमी उत्सव अधर्म पर धर्म, और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। इसी दिन वर्ष 1925 में डॉ. हेडगेवार जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी।”
उन्होंने कहा कि हम सब सौभाग्यशाली हैं कि भारतवर्ष जैसे महान देश में, हिंदू धर्म में जन्म लिया, और संघ जैसे संगठन के स्वयंसेवक बने। शताब्दी वर्ष में हर स्वयंसेवक को समाज के लिए अधिक सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर मिला है।
पांच प्रमुख परिवर्तन पर होगा कार्य
रामवीर जी कौरव ने आगे कहा कि शताब्दी वर्ष में संघ समाज के सहयोग से पंच परिवर्तन”के बिंदुओं पर कार्य कर रहा है
- सामाजिक समरसता
- कुटुंब प्रबोधन
- पर्यावरण संरक्षण
- स्वदेशी भावना का प्रसार
- नागरिक शिष्टाचार का पालन
इन बिंदुओं पर कार्य को गति देने के लिए संघ द्वारा व्यापक गृह संपर्क अभियान और मंडल केंद्रों पर विशाल हिंदू सम्मेलन* आयोजित किए जाएंगे। चरनाल और पाटन में भी हुआ पथ संचलन
खाईखेड़ा मंडल के साथ-साथ क्षेत्र के चरनाल और पाटन गांवों में भी संघ का पथ संचलन निकाला गया।
चरनाल में यह संचलन शासकीय हाई स्कूल परिसर से प्रारंभ होकर प्रमुख मार्गों से होते हुए वापस स्कूल परिसर में समाप्त हुआ। मार्ग में कई स्थानों पर ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया।
वहीं पाटन में भी संघ के स्वयंसेवक पारंपरिक गणवेश में प्रमुख मार्गों से अनुशासनपूर्वक चलते नजर आए। घोष दल की मधुर ध्वनियों और भगवा ध्वज के साथ यह संचलन नगरवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा।
ग्रामीणों ने किया आत्मीय स्वागत
सभी स्थानों पर पथ संचलन का वातावरण उत्साह, अनुशासन और भक्ति से परिपूर्ण रहा। बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक ने स्वयंसेवकों पर पुष्प वर्षा की और “भारत माता की जय” तथा “जय श्रीराम” के नारों से गगन गुंजायमान कर दिया।
एकता, संस्कार और सेवा का संदेश
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इस पथ संचलन ने समाज को एकता, संस्कार और राष्ट्रसेवा का संदेश दिया। शताब्दी वर्ष के इस ऐतिहासिक अवसर पर खाईखेड़ा मंडल का यह आयोजन संघ के अनुशासन, संगठन शक्ति और सामाजिक समरसता का सुंदर उदाहरण बन गया।




