सीहोर। वैशाख माह में भगवान शिव की पूजा से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उनके भक्त खास तौर पर कई तरह से उनकी पूजा करते हैं, इसमें अनार के रस से रुद्राभिषेक करने से श्रद्धालुओं को इसका तत्काल लाभ प्राप्त होता है। इसलिए शहर के सीवन तट पर हनुमान मंदिर गोपालधाम में शिव प्रदोष सेवा समिति के तत्वाधान में एक माह तक आयोजित होने वाले शिव शक्ति दिव्य अनुष्ठान वैशाख महापर्व का आयोजन किया जा रहा है, शनिवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के द्वारा अनार के रस के साथ भगवान शिव का अभिषेक किया गया। इस मौके पर पंडित पवन व्यास, पंडित कुणाल व्यास के मार्गदर्शन में सुंदरकांड, हनुमान चालीसा पाठ और राम चरित्र मानस का पाठ किया गया।
पंडित श्री व्यास ने कहा कि शिव की पूजा का अत्यधिक महत्व बताया गया है. ऐसा माना जाता है कि, वे बड़े ही दयालु हैं और अपने भक्तों पर जल्द ही अपनी कृपा बरसाते हैं। वे सत्य का प्रतीक हैं और जब भक्तों पर कोई कष्ट या परेशानी आती है तो दूर करते हैं. इसके लिए शिवलिंग की कई प्रकार से पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो भी व्यक्ति भगवान शिव का अभिषेक करता है उसका जीवन सुखमय होता है. हालांकि, अभिषेक कई प्रकार के होते हैं और इनमें अनार के रस के किया गया अभिषेक का बड़ा महत्व बताया गया है। अनार का रंग लाल होता है, जिसे हिन्दू धर्म में शक्ति और उत्साह का प्रतीक है। वहीं इस फल को समृद्धि का प्रतीक माना गया है। मान्यता के अनुसार, शिवलिंग पर अनार का रस चढ़ाने से जातक को भगवान शिव की असीम कृपा की प्राप्ति होती है। इस अभिषेक से आपके घर और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है और नकारात्मकता दूर होती है। इससे व्यक्ति का जीवन सुखमय होता है।
इधर मंदिर परिसर में गोपालधाम हनुमान मंदिर मानस मंडल के द्वारा हनुमान पाठ का आयोजन किया जा रहा है। इसको लेकर गोपाल बाबा ने कहा कि बच्चों को पश्चात संस्कृति से बचने की जरूरत है उन्हें अच्छे साहित्य की ओर जोडऩा चाहिए संस्कृति और संस्कार बचाना हमारा प्रमुख लक्ष्य होगा तो हम नए भारत को विश्व गुरु बना सकेंगे, नहीं तो पाश्चात्य संस्कृति हमारी युवा पीढ़ी को खोखला कर देगी। हनुमान जी को सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता माना जाता हैं। इसलिए इनसे जुड़ा कोई भी पाठ अन्य किसी भी पाठ की तुलना में अधिक शक्तिशाली होता है। कहा जाता है कि हनुमान जी को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा उपाय, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करना है। इन दो में से किसी भी एक का पाठ पूरी श्रद्धा से करने से बजरंग बली प्रसन्न होकर अपने भक्तों की मनोकामनाओं को जल्द पूरा करते हैं। सुंदरकांड पाठ की सबसे खास बात यह है कि इससे ना सिर्फ हनुमानजी का आशीर्वाद मिलता है बल्कि भगवान श्रीराम का भी आर्शीवाद प्राप्त होता है।
आज किया जाएगा नमक-चमक से भगवान शिव का अभिषेक
समिति की ओर से मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि रविवार को शिव शक्ति दिव्य अनुष्ठान वैशाख महापर्व महोत्सव के अंतर्गत नमक-चमक से सुबह भगवान शिव का अभिषेक किया जाएगा, इसके पश्चात हवन और दुर्गासप्त का पाठ भी किया जाएगा।