drnewsindia.com/भोपाल। मध्य प्रदेश के विधायकों और पूर्व विधायकों की सैलरी में जल्द ही बढ़ोतरी होने वाली है। विधानसभा में उठाई गई इस मांग को लेकर सरकार ने गंभीरता दिखाई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने वेतन वृद्धि की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।
इस कमेटी में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, पूर्व मंत्री एवं भाजपा विधायक अजय बिश्नोई, और कांग्रेस विधायक सचिन यादव को सदस्य बनाया गया है। समिति के सदस्य सचिव अपर मुख्य सचिव, संसदीय कार्य विभाग होंगे। जरूरत पड़ने पर अन्य विभागों और विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों को भी बैठक में शामिल किया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक, विधायकों ने विधानसभा में अपने वेतन में 45% तक की बढ़ोतरी की मांग की थी। सरकार ने इस पर सहमति जताते हुए कमेटी को रिपोर्ट तैयार करने का जिम्मा सौंपा है। माना जा रहा है कि जनवरी 2026 तक समिति अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप देगी।
वित्त मंत्री की अध्यक्षता में गठित यह कमेटी तय करेगी कि विधायकों का वेतन कितना बढ़ाया जाए और किन भत्तों में संशोधन किया जा सकता है। दिलचस्प बात यह है कि वेतन वृद्धि की मांग पर कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के विधायकों ने एकजुटता दिखाई है। उनका कहना है कि कई राज्यों में विधायकों को मध्य प्रदेश से ज्यादा वेतन मिल रहा है, इसलिए यहां भी सैलरी रिवाइज की जानी चाहिए।

वर्तमान में विधायकों को इतना मिलता है वेतन
मध्य प्रदेश में एक विधायक को इस समय वेतन और भत्तों सहित करीब ₹1.10 लाख प्रति माह मिलते हैं। प्रस्तावित बढ़ोतरी के बाद यह राशि ₹1.60 लाख प्रतिमाह तक जा सकती है। इसमें चिकित्सा भत्ता, अर्दली और निजी सचिव का भत्ता भी शामिल होगा।

राज्य में फिलहाल 230 विधायक और 31 मंत्री हैं। इनमें मुख्यमंत्री को ₹2 लाख, कैबिनेट मंत्रियों को ₹1.70 लाख और राज्य मंत्रियों को ₹1.45 लाख प्रति माह वेतन दिया जाता है।
तुलना – किन राज्यों में कितना वेतन
एमपी से कम वेतन वाले राज्य:
- मेघालय – ₹20,000
- ओडिशा – ₹65,170
- केरल – ₹70,000
- छत्तीसगढ़ – ₹80,000
- पंजाब – ₹94,000
- नागालैंड – ₹1,00,000
एमपी से ज्यादा वेतन वाले राज्य:
- बिहार – ₹1.24 लाख
- गुजरात – ₹1.10 लाख
- हरियाणा – ₹1.95 लाख
- हिमाचल – ₹2.10 लाख
- महाराष्ट्र – ₹2.32 लाख
- राजस्थान – ₹1.12 लाख
- अरुणाचल – ₹1.20 लाख
- असम – ₹1.20 लाख
- झारखंड – ₹1.38 लाख
अगर सरकार ने कमेटी की सिफारिशें मान लीं तो मध्य प्रदेश के विधायकों की सैलरी 2026 से बढ़कर कई बड़े राज्यों के बराबर हो सकती है।




