मध्य प्रदेश में बदला मौसम, आंधी-बारिश का दौर, आज 11 जिलों में हल्की बारिश की संभावना

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Drnewsindia .com /सीहोर उत्तरी हिस्से में साइक्लोनिक सर्कुलेशन, एक डिप्रेशन और एक अन्य सिस्टम सक्रिय है, जिससे प्रदेश में मौसम बदला हुआ है। मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए झाबुआ, अलीराजपुर, धार, खरगोन, बुरहानपुर, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली और बड़वानी जिलों में हल्की बारिश की चेतावनी दी है।

प्रदेश में एक बार फिर से मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया है। तीन सक्रिय सिस्टमों के असर से मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में तेज हवाओं, गरज-चमक और बारिश का दौर जारी है। गुरुवार को कई जिलों में दिनभर रिमझिम बारिश होती रही, जिससे तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई। कई शहरों में दिन का पारा 23 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया। मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए झाबुआ, अलीराजपुर, धार, खरगोन, बुरहानपुर, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली और बड़वानी जिलों में हल्की बारिश की चेतावनी दी है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार, उत्तरी हिस्से में साइक्लोनिक सर्कुलेशन, एक डिप्रेशन और एक अन्य सिस्टम सक्रिय है, जिससे प्रदेश में मौसम बदला हुआ है।

सीहोर के श्यामपुर क्षेत्र में गुरुवार को दोपहर बाद से देर शाम तक हल्की बारिश होती रही। इस दौरान ठंड व शीतलहर से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा लेते रहे

दतिया में डेढ़ इंच बारिश, भोपाल में दिनभर फुहारें
मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को दतिया में सबसे ज्यादा डेढ़ इंच तक बारिश हुई। जबलपुर में सवा इंच, मलाजखंड में पौन इंच, गुना में आधा इंच से ज्यादा और मंडला में आधा इंच पानी गिरा। राजधानी भोपाल में पूरे दिन रुक-रुक कर बूंदाबांदी होती रही। ग्वालियर, पचमढ़ी, शिवपुरी, रायसेन, नर्मदापुरम, टीकमगढ़, छतरपुर, रीवा, सागर, सिवनी और उमरिया समेत कई जिलों में बारिश दर्ज की गई। बारिश से खेतों में खड़ी फसलें पानी में डूब गईं, जिससे नुकसान का अंदेशा बढ़ गया है। किसानों ने मुआवजे की मांग शुरू कर दी है।

दिन में पारा 22.4 डिग्री तक गिरा
तेज हवा और लगातार बारिश से प्रदेश के कई इलाकों में दिन में ही ठंड का अहसास होने लगा। गुरुवार को दतिया का अधिकतम तापमान 22.4 डिग्री दर्ज किया गया, जो प्रदेश में सबसे कम रहा। नौगांव में 22.5, गुना में 22.7 और टीकमगढ़ में 22.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। मुख्य शहरों की बात करें तो भोपाल में अधिकतम तापमान 24 डिग्री, इंदौर में 23.2, उज्जैन और ग्वालियर में 24 डिग्री तथा जबलपुर में 28.2 डिग्री सेल्सियस रहा।

इस बार सर्दी रहेगी लंबी और तीखी
मौसम विभाग का अनुमान है कि नवंबर से सर्दी का प्रकोप शुरू होकर जनवरी तक चरम पर रहेगा। इस बार फरवरी तक ठंड का असर बना रह सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि 2010 के बाद यह सबसे ठंडी सर्दी हो सकती है। साथ ही सामान्य से अधिक बारिश की भी संभावना जताई गई है, क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ और ‘ला नीना’ परिस्थितियां सक्रिय होंगी।

मानसून विदा, लेकिन बारिश जारी
प्रदेश से मानसून आधिकारिक तौर पर 13 अक्टूबर को विदा हो चुका है। इस साल मानसून लगभग चार महीने सक्रिय रहा। 16 जून को प्रवेश और 13 अक्टूबर को विदाई हुई। बावजूद इसके, अक्टूबर के आख़िरी सप्ताह में भी कई हिस्सों में बरसात जारी रही। इस बार मानसून ने ‘हैप्पी एंडिंग’ की। भोपाल और ग्वालियर समेत 30 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई। सबसे ज्यादा बारिश गुना जिले में 65.7 इंच रही। श्योपुर में 216% बारिश दर्ज की गई, जबकि शाजापुर में सबसे कम 28.9 इंच (81%) वर्षा हुई।

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