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भोपाल / गर्दन और पीठ का दर्द, कंधों में भारीपन और लगातार थकान जैसी समस्याओं को कई महिलाएं सामान्य मानकर सालों तक झेलती रहती हैं। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि इसकी एक बड़ी वजह ब्रेस्ट हाइपर ट्रॉफी यानी ब्रेस्ट का जरूरत से ज्यादा बड़ा होना भी है।
AIIMS भोपाल में पिछले एक साल में 246 महिलाओं की ब्रेस्ट सर्जरी हुई, जिनमें से 57 मरीजों ने ब्रेस्ट रिडक्शन करवाईं। सबसे ज्यादा केस 20 से 30 साल की युवतियों के हैं। यह दिखाता है कि महिलाएं अब दर्द और असहजता को इग्नोर करने की बजाय मेडिकल समाधान चुन रही हैं।
“ब्रेस्ट सर्जरी अब सिर्फ कॉस्मेटिक नहीं, मेडिकल ज़रूरत है” – डॉक्टर
क्यों बढ़ रही है सर्जरी?
डॉक्टर्स के अनुसार:
- हार्मोनल इम्बैलेंस
- बदलती लाइफस्टाइल
- तनाव
- ज्यादा वजन
इन कारणों से कम उम्र में भी महिलाओं में ब्रेस्ट आकार बढ़ने की समस्या देखने को मिल रही है।
डॉक्टर्स क्या कहते हैं?
डॉ. मनाल खान, हेड – बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी, AIIMS भोपाल
“ब्रेस्ट का असामान्य रूप से बड़ा होना सिर्फ शारीरिक दर्द ही नहीं, आत्मविश्वास भी घटाता है। ब्रेस्ट रिडक्शन सर्जरी से मरीज का साइज बॉडी फ्रेम के हिसाब से सेट किया जाता है। इससे दर्द कम होता है और लाइफ सहज हो जाती है।”
उन्होंने बताया कि AIIMS एक सरकारी संस्था है, इसलिए यहाँ सर्जरी कम खर्च में हो जाती है। आयुष्मान कार्ड न होने पर भी न्यूनतम खर्च लगता है।
सर्जरी से पहले और बाद में क्या होता है?
- अनिवार्य काउंसलिंग
- मेडिकल और मानसिक कंडीशन जांच
- सर्जरी के बाद रेगुलर फॉलो-अप
- एंटीबायोटिक और पेन-रिलीफ मेडिसिन
- सपोर्ट गारमेंट पहनना जरूरी
एक केस जिसने डॉक्टरों को भावुक कर दिया
AIIMS में एक सरकारी महिला कर्मचारी को पोलैंड सिंड्रोम था—एक तरफ ब्रेस्ट विकसित नहीं था।
डॉ. खान बताते हैं—
“सर्जरी के बाद उनका आत्मविश्वास लौटा। हाल ही में उनकी शादी हुई और वे धन्यवाद देने वापस आईं।”
ब्रेस्ट असिमेट्री के केस बढ़े
डॉ. अभिनव सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर
“कई महिलाओं में दोनों ब्रेस्ट का आकार अलग होता है। हम इम्प्लांट या एक्सपैंडर से नार्मल शेप देते हैं। मरीज का 2-महीने तक फॉलो-अप जरूरी है।”
सर्जरी के बाद सावधानियां
✔ भारी दबाव न डालें
✔ सही फिटिंग सपोर्ट ब्रा पहनें
✔ पसीना, धूल और इंफेक्शन से बचें
AIIMS में नई तकनीक: अब 3D प्रिंटर से बनेगा कृत्रिम स्तन मॉडल
AIIMS भोपाल में अब 3D डिजिटल एनाटमी प्रिंटर से कैंसर मरीजों का ब्रेस्ट मॉडल तैयार किया जाएगा ताकि—
- डॉक्टर पहले सर्जरी का ट्रायल कर सकें
- सबसे बेहतर ट्रीटमेंट चुन सकें
पहले चरण में 10 मरीजों पर यह तकनीक लागू की जाएगी।
भारत में ब्रेस्ट कैंसर तेजी से बढ़ रहा
ICMR के अनुसार—
- महिलाओं में 33.9% ब्रेस्ट कैंसर केस
- सर्विक्स कैंसर 12.1%
- ओवरी कैंसर 7.9%
- ब्रेस्ट कैंसर केस सालाना 2.3% बढ़ रहे
महिलाओं की हेल्थ अब सिर्फ साइलेंट पेन का विषय नहीं
भोपाल और MP में महिलाएँ अब दर्द सहने की बजाय स्टेप-अप कर रही हैं।
स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और सर्जिकल तकनीक की उपलब्धता से जीवन गुणवत्ता बेहतर हो रही है।
(आर्टिकल एंड)
आने वाले समय में ब्रेस्ट सर्जरी कॉन्फिडेंस + हेल्थ दोनों की जरूरत है, सिर्फ कॉस्मेटिक नहीं।
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