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इंदौर / सुप्रीम कोर्ट ने इंदौर के एडिशनल DCP दिशेष अग्रवाल और चंदन नगर थाना प्रभारी इंद्रमणि पटेल को कड़ी फटकार लगाई है। दोनों अधिकारियों पर कोर्ट में गलत और भ्रामक हलफनामा पेश करने का आरोप है। अदालत ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ गलत आपराधिक रिकॉर्ड कैसे दर्ज बताया गया? इस पर अधिकारियों ने सफाई दी कि रिकॉर्ड कम्प्यूटर द्वारा तैयार हुआ था और आरोपी का नाम उसके पिता से मिलता-जुलता है, इसलिए गड़बड़ी हुई।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह तर्क खारिज कर कहा कि इस तरह का स्पष्टीकरण स्वीकार्य नहीं है और यह कानूनी प्रक्रिया में गंभीर चूक है।
क्या है मामला?
अनवर हुसैन ने जमानत याचिका दायर की थी, जिसके विरोध में पुलिस ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि उसके खिलाफ कई केस दर्ज हैं। सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि जिन मामलों का उल्लेख किया गया है, उनमें से कई में वह आरोपी ही नहीं है। एक केस IPC 376 से संबंधित भी है।
सुप्रीम कोर्ट ने इसे अत्यंत गंभीर मानते हुए कहा कि गलत जानकारी देकर किसी नागरिक की स्वतंत्रता प्रभावित नहीं की जा सकती।
कोर्ट का आदेश
- एडिशनल DCP और TI को कारण बताओ नोटिस
- हलफनामा तैयार करने में शामिल सभी जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस
- 25 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से हाज़िर होने का आदेश
- सुनवाई से दो दिन पहले लिखित स्पष्टीकरण जमा करना होगा
- अदालत ने याचिकाकर्ता को शर्तों के साथ जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया



