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भोपाल / तेज बारिश और आंधी का दौर थमने के बाद मध्यप्रदेश में अब ठंडक दस्तक दे रही है। ग्वालियर-चंबल में रात का तापमान 18°C से नीचे दर्ज किया गया, जबकि सुबह कई इलाकों में कोहरा छाया रहा। वहीं ज्यादातर शहरों में दिन का तापमान 30°C के आसपास रहा।
मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार को भी मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा।
जबलपुर, नर्मदापुरम, भोपाल और शहडोल संभाग में बादल और हल्की बूंदाबांदी की संभावना है।
सूचीबद्ध जिलों में कहीं-कहीं बारिश के संकेत —
रायसेन, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, जबलपुर, कटनी, सिवनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट।
वहीं भोपाल, इंदौर और उज्जैन में तेज धूप रहेगी।
6 नवंबर को छिंदवाड़ा, सिवनी और बालाघाट में हल्की बारिश संभव।
क्यों बदल रहा मौसम
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार—
- मध्यप्रदेश के ऊपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय
- पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) भी एक्टिव
- आने वाले दिनों में हिमालयी इलाके में बर्फबारी की संभावना
- उसके बाद उत्तरी हवाएँ तेज, प्रदेश में ठंड और बढ़ेगी
मानसून ने दिया बोनस — पानी भरपूर
इस साल मध्यप्रदेश में मानसून ने शानदार विदाई दी।
30 जिलों में ‘बहुत ज्यादा’ बारिश
गुना सबसे आगे — 65.7 इंच बारिश
श्योपुर — 216.3% बारिश
सबसे कम बारिश — शाजापुर (28.9 इंच / 81%)
विशेषज्ञों के अनुसार,
पेयजल और सिंचाई के लिए पानी पर्याप्त रहेगा
भू-जल स्तर भी बेहतर बना रहेगा
नवंबर में कैसा रहेगा मौसम
दूसरे सप्ताह से ठंड में तेज बढ़ोतरी होगी, खासकर ग्वालियर-चंबल में।
ऐतिहासिक रिकॉर्ड
- ग्वालियर: 3°C (नवंबर, 56 साल पहले)
- उज्जैन: 2.3°C (नवंबर, 52 साल पहले)
इस बार भी नवंबर के पहले सप्ताह में बारिश के संकेत हैं।
तीसरे-चौथे सप्ताह में फिर सिस्टम एक्टिव हो सकता है।
शहर-वार मौसम ट्रेंड
| शहर | न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड | नवंबर ट्रेंड |
|---|---|---|
| भोपाल | 6.1°C (1941) | रातें 9–12°C, 10 साल में 3 बार बारिश |
| इंदौर | 5.6°C (1938) | रातें 10–12°C, ठंड तेज |
| ग्वालियर | 3°C (1970) | रातें 8–10°C, बारिश के रिकॉर्ड मौजूद |
| जबलपुर | 3.9°C (1989) | रातें 8–10°C, 1946 में 6 इंच बारिश |
| उज्जैन | 2.8°C (1974) | रातें 10–11°C, तापमान 33–35°C तक |




