सीहोर SIR सर्वे में अड़चनें: 2003 की वोटर लिस्ट से नाम मिलाना ‘असंभव’, कांग्रेस ने जताई आपत्ति

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Drnewsindia.com/सीहोर। निर्वाचन आयोग द्वारा चलाए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) सर्वे में सीहोर जिले में गंभीर तकनीकी और व्यावहारिक दिक्कतें सामने आ रही हैं। सीहोर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष राजीव गुजराती ने इन परेशानियों पर ध्यान दिलाते हुए कहा है कि शहरी मतदाताओं को 2003 की पुरानी मतदाता सूची से अपना नाम मिलाना बेहद मुश्किल हो रहा है।

शहरी क्षेत्रों में सबसे बड़ी चुनौती

गुजराती ने बताया कि 2003 से लेकर अब तक बूथ नंबर, मतदान केंद्र, विधानसभा और वार्डों का कई बार परिसीमन (Demarcation) हो चुका है। इसके अलावा, शहरी क्षेत्र के लगभग 40% मतदाताओं ने अपने आवास बदल लिए हैं। ऐसे में 21 साल पुरानी सूची में अपना नाम खोजना मतदाताओं के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।

धीमी वेबसाइट और ऐप ने बढ़ाया BLOS का बोझ

सर्वे के दौरान बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) को मृत, स्थायी रूप से विस्थापित और अनुपस्थित मतदाताओं का डाटा निर्वाचन विभाग के ऐप पर अपलोड करना होता है।

  • शिकायत है कि विभाग की वेबसाइट और ऐप धीमी चल रही है, जिसके कारण 2003 वाली मतदाता सूची की मैपिंग करने में बीएलओ को बहुत अधिक समय लग रहा है और उनका कार्य बोझ बढ़ गया है।

दूसरे राज्यों से आई महिलाओं के लिए जटिलता

सर्वे में दूसरे राज्यों से विवाह कर सीहोर आई महिलाओं के लिए गणना पत्रक भरना सबसे ज्यादा जटिल हो गया है। उन्हें अपनी पिछली वोटिंग की जानकारी भरनी पड़ती है, जिसे 2003 की सूची में ढूंढना लगभग नामुमकिन है।

मजदूर तबके का डेटा और तकनीकी खामियां

  • मजदूर तबका: मजदूरी के लिए लगातार एक जगह से दूसरी जगह जाने वाले लोगों का डेटा भी आसानी से नहीं मिल पा रहा है। ऐसे मामलों में बीएलओ को फिलहाल गणना पत्रक भरकर अपने पास सुरक्षित रखने पड़ रहे हैं।
  • लिंकिंग की समस्या: एक बड़ी तकनीकी खामी यह सामने आई है कि यदि किसी विवाहित महिला का नाम 2003 की सूची में नहीं है, तो सिस्टम में पति के नाम से लिंक करने का विकल्प मौजूद नहीं है। लिंकिंग केवल माता-पिता या दादा के नाम से ही हो सकती है, जिससे ससुराल वालों को मायके से जानकारी मंगवानी पड़ रही है। यह जानकारी चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध नहीं है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने निर्वाचन विभाग से अपील की है कि वे इन तकनीकी और व्यावहारिक कठिनाइयों को जल्द से जल्द दूर करें ताकि मतदाता पुनरीक्षण का कार्य सुचारु रूप से संपन्न हो सके।


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