अमृत भारत स्टेशन पर गंदगी का अंबार और अव्यवस्था! गंजबासौदा स्टेशन पर ‘रेल नीर’ नदारद, शौचालय में मिलीं शराब की बोतलें

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Drnewsindia.com/गंजबासौदा। रेलवे उपभोक्ता सलाहकार समिति के सदस्य निलेश श्रीवास्तव द्वारा मंगलवार को गंजबासौदा रेलवे स्टेशन के किए गए औचक निरीक्षण में भारी अव्यवस्थाओं और गंदगी का अंबार देखने को मिला। निरीक्षण के दौरान खुलासा हुआ कि जिस स्टेशन का पुनर्विकास ‘अमृत भारत योजना’ के तहत किया गया है, वहाँ मूलभूत सुविधाएं भी नदारद हैं और यात्रियों की शिकायतों का कोई निराकरण नहीं हो रहा है।

पेयजल व्यवस्था बदहाल, अवैध वेंडर सक्रिय

श्री श्रीवास्तव ने सुबह 11:30 बजे स्टेशन का निरीक्षण शुरू किया। उन्हें पीने के पानी की व्यवस्था सबसे खराब मिली:

  • नल बंद: स्टेशन पर पीने के पानी के अधिकांश नल बंद पाए गए और कई जगह टोंटियाँ (taps) गायब थीं।
  • अवैध वेंडर: स्टेशन पर अवैध वेंडर धड़ल्ले से पानी बेचते हुए मिले। पूछने पर वेंडर ने बताया कि यहाँ यही पानी मिलता है, और उसने जे. के. कैटर्स के शीतांग दुबे का नाम लिया।
  • गंदगी: पेयजल स्थानों पर भारी मात्रा में गंदगी फैली हुई थी, और यात्रियों के बैठने की उचित व्यवस्था नहीं थी।

सार्वजनिक शौचालय में शराब की बोतलें

निरीक्षण के दौरान सबसे गंभीर लापरवाही सफाई व्यवस्था में दिखी।

  • गंदगी की चपेट में स्टेशन: प्रवेश द्वार के कांच के दरवाजे गंदे, फर्श पर गंदगी और डस्टबिन कचरे से भरे हुए थे।
  • शौचालय में बोतलें: सार्वजनिक शौचालय पूरी तरह से शराब की बोतलों से भरा मिला। सफाई व्यवस्था पर सवाल पूछे जाने पर रवि अहिरवार नामक कर्मचारी ने कहा कि इसका जवाब केवल एसएस (स्टेशन सुपरिंटेंडेंट) साहब ही दे पाएंगे।

न ‘रेल नीर’, न डिजिटल पेमेंट नियम का पालन

निरीक्षण में खान-पान और बिक्री में भी गंभीर अनियमितताएं सामने आईं:

  • निजी खाते में पेमेंट: एक दुकान (एम. लक्ष्मी चंद्र एंड संस) से पानी की बोतल खरीदते समय, दुकानदार ने यूपीआई पेमेंट अपने निजी खाते में लिया। उसके पास कोई बिजनेस अकाउंट नहीं मिला, जबकि पानी की बोतल ₹15 में बेची जा रही थी।
  • ‘रेल नीर’ नदारद: जे. के. कैटर्स की दुकान पर भी ‘रेल नीर’ नहीं मिल रहा था, बल्कि निजी ब्रांड का पानी बेचा जा रहा था।
  • अचानक बंद हुई दुकानें: श्री श्रीवास्तव ने बताया कि निरीक्षण के बाद स्टेशन की सभी दुकानें अचानक बंद हो गईं।

अन्य अव्यवस्थाओं में बंद डिस्प्ले बोर्ड और वेंडिंग मशीन का बंद होना शामिल था। वाणिज्य विभाग की श्रीमती ऋतु दुबे ने भी स्टेशन की अव्यवस्था से अपनी परेशानी जाहिर की, और बताया कि उनके टॉयलेट में भी कभी-कभी पानी नहीं पहुँचता।

शिकायतों का निराकरण शून्य, DRM को विस्तृत रिपोर्ट

निरीक्षण के अंत में श्री श्रीवास्तव ने शिकायत डायरी देखी, जो शिकायतों से भरी हुई थी, लेकिन किसी भी शिकायत का कोई निराकरण देखने को नहीं मिला।

श्री श्रीवास्तव ने सख्त लहजे में कहा कि वह स्टेशन की पूरी विस्तृत रिपोर्ट मंडल रेल प्रबंधक (DRM) श्री पंकज त्यागी जी और एक रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंपेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि इन अव्यवस्थाओं के लिए जो भी जिम्मेदार होगा, उस पर कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने भविष्य में भी ऐसे औचक निरीक्षण जारी रखने की बात कही।

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